श्रीदेवी-भूदेवी के साथ भगवान बालाजी का हुआ कल्याणम
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित श्रीराम मंदिर में चल रहे 49वें ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित श्रीराम मंदिर में चल रहे 49वें ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार शाम भगवान बालाजी कल्याणम (विवाहोत्सव) आयोजित हुआ । इसके तहत बालाजी का भूदेवी और श्रीदेवी के साथ विवाह हुआ। सबसे पहले भगवान बालाजी का पूजा हुई, जिसमें भगवान को तुलसी पत्र का माला पहनाई गई। वैदिक मंत्र के साथ बालाजी और भूदेवी एवं श्रीदेवी को रक्षा बंधन बांधे गए एवं भगवान को जनेऊ पहनाया गया। कन्यादान से पहले बालाजी के पाव पखारे गए। पुरोहित भगवान और देवी की कथा भी सुना रहे थे। बीच-बीच में हैदराबाद से आए हुए गायकों द्वारा बालाजी का गीत सुनाया जा रहा था। बालाजी को कुम्हड़ा, लाल शरीफा चढ़ाया गया। इसके बाद भगवान और दोनों देवियों को नए वस्त्र पहनाए गए। मंत्रोच्चारण के साथ भगवान भगवती को शादी की माला पहनाई गई। इस दौरान पान सेका गया एवं भूदेवी और श्रीदेवी को वस्त्र की आड़ में पान चढ़ाया गया।
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भगवान के विवाह में दिखी दक्षिण भारतीय परंपरा
भूदेवी और श्रीदेवी को दो पुरोहितों ने गोद में सुलाया। इस दौरान आध्रा प्रदेश से आए मुख्य पुरोहित राघव आचार्यालू विवाह गीत गा रहे थे। इसी दौरान दोनों देवियों को भगवान के साथ बैठाया गया। अंत में वैदिक मंत्र साथ देवियों को मंगलसूत्र पहनाया गया। करीब 300 से दंपत्तियों ने विवाह कार्य में भाग लिया। सभी के नाम और गोत्र से पूजा की गई। यह विवाह पुरोहित राघव आचार्यालू एवं केशव आचर्यालू के साथ अन्य 13 अन्य आचर्यालू के माध्यम से दक्षिण भारतीय परंपरा से विवाह की हर रशम पूरी की गई। इस ब्रह्मोत्सव कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालन में झारखंड श्रीवारी सेवा दल के करीब 40 सदस्य एवं साउथ इस्टर्न रेलवे भारत स्काउट्स एंड गाइड के 17 सदस्य के आलावा मंदिर कमिटी केट्रस्टी, अध्यक्ष शंकर राव, आयोजन समिति के चेयरमैन वाई ईश्वर राव के साथ पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्यों का परिवार का योगदान सराहनीय रहा।
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बिना भगवान की मर्जी के विवाहोत्सव में शामिल नहीं सकते : राघव
जमशेदपुर : भगवान बालाजी के कल्याणम में उपस्थित तेलुगु समाज के सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्य पुजारी राघव आचार्यालू ने कहा कि यहां जो भी भक्त उपस्थित हुए है, वे भगवान की मर्जी से उपस्थित हुए है। उन्होंने कहा कि तिरुपति जाने के क्रम में भक्त कई बातें सोचकर जाते हैं, इसके बावजूद भक्त दरबार तक पहुंचते-पहुंचते सब भूल जाते हैं। उन्होंने श्रीदेवी-भूदेवी के साथ भगवान के साथ कल्याणम को विस्तार से भक्तों को बताया।