Jharkhand: गायों के पंचगव्य से तैयार हो रही फेशवाश, बाडीवाश, हेयरलोशन : राघवन
उन्नत भारत अभियान के तहत तकनीकी शिक्षा में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली एनआइटी जमशेदपुर अब कुटीर उद्योगों को भी बढ़ावा देना चाहता है ताकि ग्रामीण आत्मनिर्भर हो सके। इसमें खासकर महिलाओं के एक ग्रुप को तैयार किया गया है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । उन्नत भारत अभियान के तहत तकनीकी शिक्षा में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली एनआइटी जमशेदपुर अब कुटीर उद्योगों को भी बढ़ावा देना चाहता है, ताकि ग्रामीण आत्मनिर्भर हो सके। इसमें खासकर महिलाओं के एक ग्रुप को तैयार किया गया है। इसके लिए एनआइटी महिलाओं को प्रशिक्षण देने का कार्य भी प्रारंभ कर चुका है। इस तरह का प्रशिक्षण एनआइटी जमशेदपुर द्वारा गोद लिए हुए गांवों में हो रहा है। इस तरह की कार्यशाला सात स्वयंसहायता समूह के बीच आदित्यपुर के इच्छापुर कालोनी में आयोजित हुई।
इसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस कार्यशाला में गौसेवा के राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख के ई एन राघवन ने बताया कि गायो के पंचगव्य (दुध, दही, घी, गोबर एवं गोमुत्र) पर आधारित कुटीर उद्योग से एक ओर जहां परिवारों का आय बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य एवं पर्यावरण भी ठीक रहेगा। गोबर एवं गोमुत्र से लगभग तीन सौ समान बन सकते हैं। कार्यशाला में भाग लेने वाली महिलाओं को एंटी रेडिएशन चिप, गोमय दीया, गोसमय धुपबत्ती, गोमय फेशवास, गोमय बाडीवाश, गोमय हेयरलोशन बनाने की विधि की जानकारी दी गई। उन्हें बताया कि किस तरह ये सारी सामग्री बनती है। इन सामग्रियों की मांग भी बहुत है।
लोग हाथो-हाथ् लेने को तैयार बैठे है। प्रशिक्षण का संयोजन एनआईटी जमशेदपुर के सुमन सिंह ने किया। उन्नत भारत अभियान के संयोजक विनय कुमार के मागदर्शन में कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है।विनय कुमार संयोजक उन्नत भारत अभियान के मार्गदर्शन में यह आयोजन हुआ।
उन्नत भारत अभियान के क्षेत्रीय संयोजक एनआइटी के डा. रणजीत प्रसाद ने बताया कि हमारी सोच है कि कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देकर ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। हम इस कार्य में जहां तक हो सकेगा, तकनीकी सहयोग करेंगे। महिलाओं को आगे आकर इस तरह के प्रशिक्षण में भाग लेना चाहिए।