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गैंग्स ऑफ जमशेदपुर: ये धंधा है अवैध पर चलता बेरोकटोक, जानिए

शहर में मटका, लॉटरी, सट्टा और शराब का धंधा जारी हैं। हर दिन लाखों के वारे-न्यारे हो रहे हैं। भले ही धंधा अवैध हो, लेकिन चलता है बेरोक-टोक।

By Edited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 07:52 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 10:00 AM (IST)
गैंग्स ऑफ जमशेदपुर: ये धंधा है अवैध पर चलता बेरोकटोक, जानिए
गैंग्स ऑफ जमशेदपुर: ये धंधा है अवैध पर चलता बेरोकटोक, जानिए

 जमशेदपुर(जासं)। पूर्वी सिंहभूम के जिला मुख्यालय जमशेदपुर  में मटका, लॉटरी, सट्टा और शराब का धंधा जारी हैं। हर दिन लाखों के वारे-न्यारे हो रहे हैं। भले ही धंधा अवैध हो, लेकिन चलता है बेरोक-टोक। धंधा से जुड़ने वालों ने अपना-अपना सुरक्षित इलाका चुन रखा है, इसका वजह मैनेज सिस्टम है। लाखों का धंधा होने के कारण इसे करने वालों के बीच वर्चस्व को लेकर गैंगवार होता रहता है।

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इसका प्रत्यक्ष प्रमाण परसुडीह थाना क्षेत्र के कीताडीह में जुआ अड्डा संचालित करने वाले मन्ना महतो पर सोमवार को हुई फाय¨रग की घटना है। संयोग रहा कि वह बच निकला। फाय¨रग करने वालों ने उसके किराये के मकान में धमक दिखाने को गोलियां दाग दी। और चलते बने। पुलिस पहुंची। फाय¨रग करने वाले और कराने वालों पर परसुडीह थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई। कोई आरोपित गिरफ्तार नहीं हुआ।

 आरोपित तड़ीपार

जिन पर आरोप लगा इनमें अधिकांश घटना के पहले से तड़ीपार हैं। पुरानी अदावत के कारण घटना में उन्हें नामजद आरोपित बना दिया गया। मन्ना महतो का सहयोगी डबलू मिश्रा है, जो बागबेड़ा का रहने वाला है। एसएसपी अनूप मैथ्यू के कार्यकाल में उसे तड़ीपार किया गया था। डबलू मिश्रा का कीताडीह लकड़ी बागान समेत कई इलाके में जुआ अड्डा संचालित होता है, उसका प्रतिद्वंदी संजीत साव है। उसकी सक्रियता बागबेड़ा में है। धंधे को लेकर दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा है। डबलू मिश्रा की कुछ माह पहले तक थाने में अच्छी सेंटिग-गेटिंग थी। धंधा खूब चल रहा था, जो संजीत को नागवार लग रहा था। उसने भी थाना में सेटिंग-गेटिंग की। डब्लू मिश्रा के धंधे पर ग्रहण लगा दिया। काली-कमाई कम होने के कारण वह छटपटा गया, उसने संजीत के विरोधियों से हाथ मिला लिया। साथ मिला विभाष पासवान, सोनू मिश्रा, मन्ना महतो और अन्य का।

संतोष को लेगी थी गोली

बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी हरिजन कॉलोनी में संचालित होने वाले जुआ अड्डा में 15 दिन पहले सभी ने ताबड़तोड़ फाय¨रग की थी। गोली संतोष गुप्ता को लगी थी। सोच थी कि घटना से दहशत फैल जाएगी। वहां आने वाले लोगों की भीड़ कम हो जाएगी। धंधा चौपट हो जाएगा। ऐसा हुआ भी। धंधे पर चोट के कारण धंधे से जुड़े लोगों ने मन्ना महतो को टारगेट कर फाय¨रग की। दोनों पक्ष के बीच चल रही चौकड़ी पर पुलिस की निगाह तेज हो गई है। ऐसा नहीं है कि केवल परसुडीह और बागबेड़ा इलाके में अवैध धंधे को लेकर गैंगवार हुई है। जुगसलाई और साकची में भी विवाद होते रहे हैं।

 कदमा में भी हो रही झड़प

2008 में एसपी नवीन सिंह के कार्यकाल में साकची मोहम्मडन क्षेत्र के दो गुटों के बीच फाय¨रग और मारपीट की घटना हुई थी। जुगसलाई में धंधा करने वालों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। कदमा में भी झड़प होती रही है। शराब के धंधे में ही धतकीडीह के बच्चू घोष और कल्लू घोष की हत्या वर्चस्व को लेकर हो चुकी है। सोनारी में चट्टान सिंह को भीड़ ने मारकर नदी में बहा दिया था।


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