एफसीआई जमशेदपुर में श्रमिकों के गैंगों का हुआ विलय Jamshedpur News
भारतीय खाद्य निगम क्षेत्रीय कार्यालय रांची के आदेशानुसार भारतीय खाद्य निगम खाद्य संग्रह भंडार जमशेदपुर में कार्यरत गैंग नंबर 15 के श्रमिकों को विभिन्न गैंगो में तत्काल प्रभाव से विलय किया गया है। इसमें 15 नंबर गैंग वाले भगवान राम को गैंग को आठ नंबर...
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । भारतीय खाद्य निगम, क्षेत्रीय कार्यालय रांची के आदेशानुसार भारतीय खाद्य निगम, खाद्य संग्रह भंडार जमशेदपुर में कार्यरत गैंग नंबर 15 के श्रमिकों को विभिन्न गैंगो में तत्काल प्रभाव से विलय किया गया है। इसमें 15 नंबर गैंग वाले भगवान राम को गैंग को आठ नंबर, श्रीकांत प्रसाद को तीन, अजय कुमार राम को चार, भानूराम को चार , रामजी राम को पांच, रामेश्वर नोनिया को भी पांच ,संजीत कुमार छह, द्वारिका यादव को छह, शिव कुमार राम को सात, सुदामा यादव को सात ऐसे ही 15 नंबर गैंग वाले अजय कुमार का गैंग नंबर आठ में विलय किया गया है।
इन श्रमिकों का हुआ जमशेदपुर स्थानांतरण
भारतीय खाद्य निगम, खाद्य संग्रह भंडार जमशेदपुर में कार्यरत दो श्रमिकों को उनके प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें दूसरे गैंगों में तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित किया गया है। इनमें गैंग नंबर 11 के प्रभु साव को गैंग नंबर एक व गैंग नंबर 12 के इंद्र बहादुर सरदार को गैंग नंबर दो में स्थानांतरित किया गया है।
इन श्रमिकों की हुई है पदोन्नति
भारतीय खाद्य निगम खाद्य संग्रह भंडार जमशेदपुर में कार्यरत हथालन श्रमिकों को भारतीय खाद्य निगम मुख्यालय नई दिल्ली के परिपत्र संख्या 07-2006 में निहित प्रावधान के तहत मंडल के पद पर औद्योगिक महंगाई भत्ता पद्धति के अंगर्तत वेतनमान 23100-54600पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक केलिए पदोन्नति दी गई है।
श्रमिकों के नाम- वर्तमान गैंग--पदोन्नति गैंग
कन्हैया राम साव- चार- नौ
महेंद्र यादव- सात-सात
हजारी प्रसाद- दो-13
राजो चौधरी- एक-एक
सिया यादव- 10-10
जर्नादन राव चार-22
श्यामली यादव- छह-छह
कृष्णानंद राय- दो-दो
नागेश्वर यादव- छह-14
मंगलू राम साव- पांच-पांच
पोशु राम साहु- चार-चार
प्रोन्नति पर श्रमिक यूनियन ने जताई प्रसन्नता
एफसीआई श्रमिक यूनियन ने श्रमिकों की प्रोन्नति पर प्रसन्नता जताई है। सहायक सचिव पुरुषोतम महतो ने कहा है कि श्रमिकों के प्रमोशन को लेकर यूनियन प्रयासरत थी। उन्हों ने कहा कि यूनियन चाहती थी कि बगैर गैंगों के विलय का प्रमोशन हो लेकिन विराधी यूनियन ने गैंगों का विलय कराने का काम किया जो गलत है। विलय होने से प्रमोशन पाने श्रमिकों को नुकसान हुआ है। इसे सैकड़ों श्रमिकों का हक मारा गया ह