रेल यात्री ध्यान दें: पैंट्री के खाने से फूड प्वाइजनिंग हुई तो दो लाख जुर्माना
रेलवे की पैंटी कार सेवा में कर्मचारियों को छह स्तरों पर रेलवे की पर्यटन व खानपान विभाग की ओर से जुर्माने का प्रावधान है।
जमशेदपुर [गुरदीप राज] खोट नियमों में नहीं बल्कि उन नियमों का ठीक से अनुपालन में नहीं हो पाने में है। नियमों व अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होने का खामियाजा विभिन्न सेवाओं के उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है।
रोजाना ट्रेन से यात्रा करनेवालों में कुछ गिने-चुने ही अपने अधिकारों के प्रति सजग होते हैं। शुल्क देकर रेल सेवा का उपभोग करनेवाले यात्रियों के तमाम अधिकार हैं जिन्हें वे जानते नहीं या जानने की कोशिश नहीं करते। यही कारण है कि ज्यादातर मामले मौके पर ही रफा-दफा हो जाते हैं। यदि आप रेलयात्रियों से पूछें कि क्या वे जानते हैं कि यात्रा के दौरान खानपान सेवा में गड़बड़ी पाए जाने पर क्या-क्या कार्रवाई हो सकती है, शायद ही कोई आम रेलयात्री ठीक से बता पाए।
शिकायत की गंभीरता के अनुसार छह स्तरीय है पैनल का प्रावधान : पैंटी कार सेवा में कर्मचारियों को छह स्तरों पर रेलवे की पर्यटन व खानपान विभाग की ओर से जुर्माने का प्रावधान है। यह नियम शिकायत की गंभीरता के अनुसार है। यह जानकारी गोलपहाड़ी निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता कमल कुमार की ओर से मांगी गई सूचना पर आइआरसीटीसी कोलकाता के जन सूचना पदाधिकारी की ओर से दी गई है।
पैंट्री कार सेवा में गड़बड़ी पर रेलयात्रियों की शिकायत पर प्रावधान
लेवल 6 - यात्री के साथ हाथापाई, खाद्य सामग्री में छिपकली, चूहा आदि मिलने, फूड प्वाइजनिंग के चलते अस्पताल में भर्ती होने पर - दो लाख रुपये जुर्माना, दोबारा इस तरह की शिकायत साबित होने पर वेंडर का लाइसेंस निरस्त हो सकता है।
लेवल 5 - खाद्य सामग्री में कीट-पतंग, तिलचट्टा मिलने, पैंट्री कार कर्मचारी द्वारा अपशब्दों का प्रयोग करने पर - 50 हजार जुर्माना, तीन महीने के अंदर दोबारा ऐसा होने पर एक लाख जुर्माना, तीसरी बार पर लाइसेंस कैंसिल।
लेवल 4 - पैंट्री कर्मचारी यदि टिप मांगे, मेनू में शामिल सामग्री मुहैया नहीं कराए, खाद्य सामग्री में लकड़ी के टुकड़े-प्लास्टिक, लोहे का टुकड़ा आदि मिलने, खराब भोजन देने, मांगने पर भोजन का बिल नहीं देने, खाने के चलते बीमार पड़ने की शिकायत - 25 हजार जुर्माना
लेवल 3 - मांगने पर वेज-नानवेज उपलब्ध नहीं कराने, भोजन में बाल मिलने, निर्धारित से कम वजन, यात्री से तेज आवाज में बहस करने, यात्रा के दौरान 20 घंटे के अंदर दूसरी बार पानी बोतल उपलब्ध नहीं कराने पर - 15 हजार रुपये जुर्माना
लेवल 2 - वेटर द्वारा व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान नहीं रखने, गंदा कपड़ा पहनने, बढ़े नाखून, वर्दी, कैप आदि नहीं पहनने पर - 10 हजार रुपये जुर्माना
लेवल 1 - ठंडा भोजन परोसने, खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने में विलंब, यात्री की बात नहीं सुनने, भोज्य पदार्थ लीक करने, यात्री के सामने सही तरीके से ट्रे प्रस्तुत नहीं करने पर - 5 हजार रुपये जुर्माना
ऐसे करें शिकायत : यदि पेंट्रीकार के कर्मचारी या खराब भोजन की शिकायत करनी हो तो रेल टिकट में ही टोल फ्री नंबर रहता है। उस नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह नंबर सीधे रेलवे बोर्ड में लगता है। वहीं ट्वीट के माध्यम या ट्रेन में सफर कर रहे टीटीई के माध्यम से यात्री अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। इसकी जांच रेलवे अपने स्तर से करने के बाद यदि शिकायत में सच्चाई दिखी तो अगली कार्रवाई रेलवे शुरू करते हैं। शिकायत करते समय अपने कोच संख्या, सीट नंबर व पीएनआर नंबर के साथ नाम दर्ज कराना भी अनिवार्य है।