नौकरी के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचीं चार युवतियां, जालसाजी का भंडाफोड़
युवतियों ने बताया कि उमेश सिंह अपने आप को डीसी ऑफिस का कर्मचारी बताता है। वह नर्स के पद पर बहाली के लिए 30-30 हजार रुपये मांग रहा था।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पातल में मंगलवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति आ हो गई जब चार युवतियां वहां पर नौकरी के लिए पहुंच गईं। इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग में पैसा लेकर अवैध नौकरी दिलाने का भंडाफोड़ हुआ है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसएन झा व उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद के पास पहुंची युवतियों ने बताया कि उन्हें सरजामदा निवासी उमेश सिंह ने भेजा है। नौकरी दिलाने के नाम पर छह से दस हजार रुपये तक वह लिया है लेकिन अब तक नौकरी नहीं मिली। अगस्त हमलोग दौड़ रहे हैं।
सोमवार को युवतियों ने फोन किया तो उमेश ने बताया कि मैंने एमजीएम अधीक्षक को पैसा दे दिया है लेकिन वे नौकरी देने में आना-कानी कर रहे हैं। इसके बाद भुक्तभोगी युवतियां अधीक्षक-उपाधीक्ष के पास पहुंची और आपबीती सुनाई। पूरे प्रकरण की जानकारी होने पर अधीक्षक व उपाधीक्षक दोनों के कान खड़े हो गए। इसके बाद युवतियों से नंबर लेकर उपाधीक्षक ने आरोपित उमेश सिंह को फोन किया। उसने बोला कि सर आप बीच में नहीं आएं। हम युवतियों से समझ लेंगे। इसके बाद उपाधीक्षक ने कड़े शब्दों में कहा कि आप नौकरी के नाम पर गलत ढंग से पैसा नहीं ले सकते। जल्द से जल्द पैसा वापस करें।
इसके बाद आरोपित उमेश सिंह ने भुक्तभोगी युवतियों को फोन किया और बोला कि तुमलोग गलत जगह चली गई हो। इसके बाद युवतियां थाने में शिकायत करने की धमकी दी। करीब तीन घंटे के बाद साकची स्थित कोल्ड चैन से एक व्यक्ति ने फोन किया कि आपलोग पैसा लेकर जाएं। इसके बाद युवतियां वहां पहुंची तो कोई दूसरे व्यक्ति ने उन्हें पैसा दिया। वह साकची स्थित कोल्ड चैन में तैनात है और उसका नाम प्रद्युन्न है। पूरे प्रकरण की चर्चा स्वास्थ्य विभाग में तेजी से हो रही है। आशंका जताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली ठेका कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम अन्य लोगों से भी रुपये की वसूली की गई है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।
उमेश अपने को बताता है डीसी ऑफिस का कर्मचारी
युवतियों ने बताया कि उमेश सिंह अपने आप को डीसी ऑफिस का कर्मचारी बताता है। वह नर्स के पद पर बहाली के लिए 30-30 हजार रुपये मांग रहा था। स्वीपर व वार्ड के पद पर नौकरी दिलाने के लिए छह से दस हजार रुपये मांगता है।
ठेका एजेंसी के अंतर्गत बहाल होने वाले कर्मचारियों से उन लोगों का कुछ लेना देना नहीं होता है। उन कर्मचारियों की बहाली एजेंसी ही करती है। अगर कोई व्यक्ति उनके नाम पर गलत ढंग से पैसा मांगता है तो उनके खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. एसएन झा, अधीक्षक, एमजीएम।