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जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय नहीं रहे

deenanath panday . जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय नहीं रहे। दीना बाबा के रूप में सुपरिचित इस वयोवृद्ध नेता ने टाटा मुख्य अस्पताल में अंतिम सांस ली।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 11:04 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 11:04 AM (IST)
जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय नहीं रहे
जमशेदपुर पूर्वी के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय नहीं रहे

जमशेदपुर, जेएनएन। कोल्हान की राजनीति के एक युग का शुक्रवार सुबह अवसान हो गया। प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय नहीं रहे। दीना बाबा के रूप में सुपरिचित इस वयोवृद्ध नेता ने करीब 9 बजे टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में अंतिम सांस ली।

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उनके निधन की खबर फैलते ही उनके चाहनेवालों का जुटान टीएमएच में होने लगा। सबों की आंखें नम थी और जुबां पर दीना बाबा से जुड़ी यादें। दीनानाथ पांडेय ने 1977 से 1980,1980 से 1985 और 1990 से 1995 तक जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र का प्रतिन‍िधित्व विधानसभा में किया। 1995 में उन्हें टिकट से वंचित कर भाजपा ने रघुवर दास को टिकट दिया और वे चुनाव जीते। रघुवर दास अभी झारंखड के मुख्यमंत्री हैं। 1995 से वे लगातार जमशेदपुर पूर्वी सीट पर काबिज हैं। परिजनों ने बताया कि पिछले दिनों ज्यादा बीमार होने पर उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया था।

शिवसेना के झारखंड अध्यक्ष भी रहे दीना बाबा

भाजपा के बाद दीनानाथ पांडेय शिवसेना में चले गए। पार्टी ने उन्‍हें झारखंड प्रदेश की कमान सौंपी। शिवसेना के टिकट पर उन्होंने खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, सफलता नहीं मिली। करीब 12 वर्षों तक शिवसेना में रहने के बाद 16 मार्च 2008 को उन्होंने शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष से त्यागपत्र दे दिया था। शिवसेना से नाता तोड़ने की वजह दीना बाबा ने पार्टी की क्षेत्रवाद और बिहारी विरोधी मुहिम को बताया था।

मुख्यमंत्री ने पोते की पढ़ाई के लिए दी थी मदद

मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों दीनानाथ पांडेय के पोते की विदेश में पढ़ाई के लिए एक लाख रुपये की मदद दी थी। पोता वैभव प्रकाश अमेरिका में अध्ययन के लिए बीते अगस्त महीने में ही निकला है। वैभव हील टॉप स्कूल टेल्को का छात्र रहा है। 

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने दी श्रद्धा‍ंजलि

 

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने दीनानाथ पांडेय के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वे दीना बाबा के निध्‍न से मर्माहत हैं। दीनानाथ पांडेय अपने आदर्शों और राजनीति में शुचिता के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। 

अपना एक अभिभावक खो दिया: रघुवर

पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय के निधन पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जमशेदपुर पूर्वी से विधायक रहे दीनानाथ पांडेय का आशीर्वाद हमेशा उन्हें मिलता रहा था। उनकी कमी हमेशा खलेगी। मैंने आज अपना एक अभिवावक खो दिया है।

राजकीय सम्मान के साथ होगा दीना बाबा का अंतिम संस्कार

रविवार को राजकीय सम्मान के साथ पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय का अंतिम संस्कार साकची स्वर्णरेखा घाट पर होगी। पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि कर दी है। दीना बाबा की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से निकलकर बिरसानगर संडे मार्केट में शहरवासियों के अंतिम दर्शन के लिए निकाली जाएगी। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा टेल्को से होते हुए रवाना होगी।

गांव के पहले इंजीनियर थे दीना बाबा

दीनानाथ पांडेय चार भाइयों में सबसे छोटे थे। बक्सर साइंस कॉलेज के वे पहले छात्र और अपने गांव से पहले इंजीनियर थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद जबलपुर गन फैक्ट्री में अपरेंटिस की पढ़ाई के बाद एएमआइइ की पढ़ाई पूरी की जिसे इंजीनियङ्क्षरग के समकक्ष माना जाता था। 

उनके नेतृत्व में बनी थी लेह लद्दाख में सड़क 

दीनानाथ पांडेय ने वर्ष 1962 से 1965 तक बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन में भी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर अपनी सेवा दी थी। उनके बेटे आरपी पांडेय बताते हैं कि जब भारत-चीन युद्ध हुआ तब उनके पिता पर सैनिकों को बार्डर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली। जिसका उन्होंने बखूबी पालन किया। कठिन परिस्थितियों में सड़क निर्माण का काम किया। बर्फ से जमी नदी को पार करने का जोखिम लिया। उनकी देखरेख में तब के भारत के सबसे ऊंचे स्थल, लेह लद्दाख के चिसूल में सड़क बनाकर रिकार्ड बनाया।  

 

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