अनाथालय के लिए 1.20 करोड़ विदेशी फंड, अन्य मद में खर्च
मामला चर्चा में आने के बाद एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि विदेशी फंडिंग के लिए किसने सिफारिश की थी।
विकास श्रीवास्तव, जमशेदपुर। मानगो के शंकोसाई स्थित सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेंस होम (ईसाई संस्था) के संचालकों ने अनाथालय निर्माण के नाम पर करीब एक करोड़ बीस लाख रुपये का विदेशी फंड हासिल किया था। यह राशि टिमकेन फाउंडेशन ऑफ कैंटन जेफ्री हॉम की ओर से 2013 में प्रदान की गई थी। फंड का उपयोग अनाथालय बनाने में नहीं किया गया। अलबत्ता फंड मिलने बाद पूर्व से चल रहे अनाथालय का संचालन भी बंद कर दिया गया।
स्कूल भवन के लिए मिली थी मदद : विनीता सोमाया मानगो शकोसाई स्थित सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेन होम की अध्यक्ष विनीता सोमाया ने स्कूल परिसर में पत्रकार वार्ता में इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विदेशी फंडिंग से साफ इन्कार करते हुए कहा था कि टिमकेन फाउंडेशन की ओर से सीएसआर के तहत स्कूल भवन बनाने के लिए आर्थिक मदद दी गई थी। इसके लिए आवेदन फॉर्म भरा गया था।
अनाथालय निर्माण के लिए हुई फंडिंग : ऑडिट रिपोर्ट दैनिक जागरण के हाथ लगी टिमकेन की ऑडिट रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि होती है कि संस्थान को 2013 में 149,676 डॉलर यानी करीब एक करोड़ 20 लाख रुपये ग्रांट किए गए थे। ग्रांट के परपस यानी उद्देश्य वाले कॉलम में साफ-साफ लिखा है टू मेक एन ऑर्फनेज। इसको झुठलाते हुए विनीता सोमाया ने कहा कि उन्हें स्कूल भवन बनाने के लिए आर्थिक मदद मिली थी। बताया जाता है कि सोमाया मेमोरियल ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में भी इस राशि का उल्लेख नहीं किया है।
बड़ा सवाल, किसकी सिफारिश पर हुई फंडिंग मामला चर्चा में आने के बाद एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि विदेशी फंडिंग के लिए किसने सिफारिश की थी। अनाथालय निर्माण के नाम पर एक करोड़ बीस लाख रुपये की फंडिंग के लिए एक बड़े नेता की ओर से सिफारिश करने की चर्चा है। यह नेता इस समय एक राष्ट्रीय पार्टी में महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं।
बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान ने की जांच की मांग इस मामले में गैर सरकारी संगठन बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान की ओर से मुख्यमंत्री, स्थानीय सांसद व उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर गहराई से मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया है। संस्थान के मुख्य संयोजक सदन ठाकुर की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि सोमाया मेमोरियल चिल्ड्रेंस होम अनाथालय को 2013 में विदेशी संस्था टिमकेन फाउंडेशन ऑफ कैंटन जेफ्री हॉम के सौजन्य से मिले 149,676 डॉलर चंदा मिलने की जांच कराई जाए कि किसकी अनुशंसा पर यह फंडिंग की गई। सोमाया मेमोरियल ने इतनी बड़ी राशि कहां खर्च की। सांसद विद्युत वरण महतो ने इस ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त को जांच के लिए लिखा है।
बच्चों को बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद जांच के दायरे में रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चों को बेचे जाने का मामला उजागर होने के बाद और बच्चे गायब होने की आशका पर राज्य सरकार की ओर से कराई जा रही जाच के दायरे में सोमाया ट्रस्ट भी है। बच्चे गायब होने से संबंधित मामले की जाच कर रही टीम कई बार सोमाया मेमोरियल ट्रस्ट के कार्यालय में दस्तक दे चुकी है। सोमाया की ओर से सौंपी गई सूची में शामिल 70 बच्चों को सूची में करीब दो दर्जन बच्चे ही बताए गए पते पर मिले हैं। शेष बच्चों की खोजबीन की जा रही है।