Food Processing Hub: आटो हब कहा जाने वाला आदित्यपुर अब बन रहा फूड प्रोसेसिंग हव, हजारों लोगों को मिला रोजगार
Food Processing Hub आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग में कदम रखने वाली सबसे पुरानी कंपनी अरोड़ा फूड प्रोडक्ट्स है जो करीब 25 वर्ष से अचार जैम जैली विनेगर आदि बना रही है। यह कंपनी अकेले करीब 12 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार कर रही है।
आदित्यपुर (जमशेदपुर), (चंदन)। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की पहचान आटो हब के रूप में है, लेकिन अब यह फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी आगे बढ रहा है। यहां चल रही फूड प्रोसेसिंग की कंपनियां अचार, आटा, मैदा, सूजी से लेकर जैम, जेली, विनेगर आदि बना रही हैं, जो झारखंड के साथ ही छतीसगढ, ओडिशा, बिहार, बंगाल समेत कई राज्यों में बिक रही हैं।
हजारो लोगों को मिल रहा रोजगार
यह स्थिति तब है, अब इन कंपनियों को कच्चा माल दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है। यदि इन कंपनियों को झारखंड में ही कच्चा माल मिल जाए, तो फूड प्रोसेसिंग सेक्टर काफी फल-फूल सकता है। ये कंपनियां हजारों लोगो को रोजगार भी प्रदान कर रही हैं। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में फूड प्रोसेङ्क्षसग में कदम रखने वाली सबसे पुरानी कंपनी अरोड़ा फूड प्रोडक्ट्स है, जो करीब 25 वर्ष से अचार, जैम, जैली, विनेगर आदि बना रही है। यह कंपनी अकेले करीब 12 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार कर रही है। इसकी दो यूनिट में लगभग एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में प्रेम फूड्स, प्रधान फूड्स के अलावा दो अन्य कंपनी है, जो अचार, जैम, जेली आदि का उत्पादन करती हैं। इसी तरह से औद्योगिक क्षेत्र में आटा-मैदा व सूजी बनाने वाली 15 कंपनियां हैं, जिनमें मोहित उद्योग, जमशेदपुर फलावर मिल, स्टील सिटी फूड, खेमका फूड प्रोडक्ट, मंगलम फूड प्रोडक्ट आदि प्रमुख हैं। इनके 90 प्रतिशत उत्पाद जमशेदपुर समेत झारखंड के अन्य जिलों में बिकते हैं, जबकि लगभग 10 प्रतिशत उत्पाद बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ तक बिकते हैं। मोहित उदयोग के मालिक विनोद मित्तल बताते हैं आटा-मैदा से कंपनी करीब 400 करोड़ का कारोबार कर रही है। सरकार की ओर से किसी फूड प्रोडक्टस कंपनी को किसी भी तरह का प्रोत्साहन नही मिलता हे।
दूसरे राज्यों से मंगाते कच्चा माल
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियां जैम, जेली, अचार के लिए ज्यादातर आम, पपीता, हरी व लाल मिर्च उतर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार व दक्षिण भारत से मंगाती हैं, जबकि पैकेङ्क्षजग के लिए बोतल बंगाल से आता है। कंपनी के कारोबारियों ने बताया कि आटा व मैदान बनाने के लिए गेहूं बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड के लोहरदगा से मंंगाया जाता है। इससे बने उत्पाद झारखंड के अलावा ओडिशा, बंगाल, आंध्रप्रदेश के अलावा कई राज्यो में निर्यात किया जाता है।