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जमशेदपुर में बाढ़ का खतरा, चांडिल डैम के पांच फाटक खुले, उफनाने लगी स्वर्णरेखा व खरकई नदी

ईचागढ़ की झामुमाे विधायक सविता महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात की। हेमंत दिल्ली में थे लेकिन उन्होंने तत्काल जल संसाधन विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि चांडिल के डूब क्षेत्र को बचाने के लिए तत्काल डैम का फाटक खोलें।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 12:50 PM (IST)
जमशेदपुर में बाढ़ का खतरा, चांडिल डैम के पांच फाटक खुले, उफनाने लगी स्वर्णरेखा व खरकई नदी
चांडिल डैम का फाटक खोलने से स्वर्णरेखा और खरकई खतरे के निशान को पार कर गया है।

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर में एक बार फिर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। नदी तट पर रहने वालों में अफरातफरी मच गई है, तो जिला प्रशासन भी रेस हो गया है। निचले इलाकों से लोगों को ऊंचे स्थान पर शेल्टर हाउस में लाया जा रहा है। डिमना डैम के पांच फाटक खोल दिए गए हैं, जिससे स्वर्णरेखा व खरकई नदी उफनाने लगी है।

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दरअसल, झारखंड में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश की वजह से शुक्रवार को रात में जमशेदपुर के पास सरायकेला-खरसावां जिला स्थित चांडिल डैम के आसपास वाले गांवों में पानी घुसने लगा था। इसकी सूचना जब ईचागढ़ की झामुमाे विधायक सविता महतो को मिली, तो वे डैम पहुंचीं। वहां की स्थिति देखने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात की। हेमंत दिल्ली में थे, लेकिन उन्होंने मामले की गंभीरता को समझा और तत्काल जल संसाधन विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि चांडिल के डूब क्षेत्र को बचाने के लिए तत्काल डैम का फाटक खोलने का आदेश दिया। रात करीब 10 बजे डैम का एक फाटक आधा मीटर तक खोल दिया गया। इसके बाद भी स्थिति नहीं संभली तो रात 12 बजे एक और फाटक आधा मीटर तक खोल दिया गया। इसके बाद भी चांडिल डैम के आसपास गांवों में डैम का पानी घुसने लगा तो शनिवार सुबह 10 बजे तक डैम के पांच फाटक आधा-आधा मीटर तक खोल दिए गए हैं।

खरकई व स्वर्णरेखा दोनों खतरे के निशान से ऊपर

चांडिल डैम का फाटक खोलने से जमशेदपुर में स्वर्णरेखा और खरकई दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। शनिवार को सुबह 10 बजे तक मानगो पुल के पास स्वर्णरेखा का जलस्तर 117.36 मीटर पहुंच गया, जबकि यहां खतरे का निशान 111.00 मीटर है। इसी तरह आदित्यपुर पुल के पास खरकई नदी का जलस्तर 127.12 मीटर हो गया, जबकि यहां खतरे का निशान 123 मीटर है। इससे कदमा व शास्त्रीनगर के अलावा मानगो से भुइयांडीह तक के निचले इलाकों में पानी भर गया है।

27 मई को आई थी बाढ़

ज्यादा दिन नहीं हुए, जब ओडिशा डैम का फाटक खोल दिए जाने से 27 मई को जमशेदपुर में बाढ़ आ गई थी। खरकई नदी के साथ-साथ स्वर्णरेखा नदी भी उफना गई थी। यहां यह बताना लाजिमी है कि जमशेदपुर के सोनारी स्थित दोमुहानी में खरकई व स्वर्णरेखा नदी का संगम है, इसलिए दोनों में से किसी एक नदी में पानी बढ़ता है तो दोनों नदियां इससे प्रभावित होती हैं। इसका मतलब यह हुआ कि ओडिशा के बैंक्वेल डैम का फाटक खुले या चांडिल डैम का फाटक, दोनों नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।


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