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पूरे शहर में मशहूर थे जुबिली पार्क के पास लगने वाले ठेले

शुक्रवार की रात को प्रशासन का डंडा चलने के बाद सांसद का प्रयास भी व्यर्थ गया। यहां के ठेले जमशेदपुर में सबसे ज्यादा फेमस थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Apr 2018 10:45 AM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2018 10:45 AM (IST)
पूरे शहर में मशहूर थे जुबिली पार्क के पास लगने वाले ठेले
पूरे शहर में मशहूर थे जुबिली पार्क के पास लगने वाले ठेले

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में स्ट्रीट फूड के कई स्थान ऐसे हैं, जहां सुबह-शाम शौकीनों की भीड़ जुटती है। इसमें बिष्टुपुर के डीएम मदन स्कूल और जुबिली पार्क के साकची गेट का खास स्थान है। दोनों स्थानों के ग्राहक भी अलग-अलग हैं। बिष्टुपुर में जहां स्कूल-कालेज के छात्र और कार्यालयों के कर्मचारी की संख्या ज्यादा रहती है, वहीं साकची में सुबह-शाम टहलने वालों के अलावा कार्यालयों के कर्मचारी, व्यवसायी समेत शहर के कोने-कोने से लोग आते थे। यहां हर व्यंजन उपलब्ध था, जिसमें लिट्टी-चोखा से लेकर गोलगप्पा, चाट, डोसा, इडली, चाउमिन, छोला-भटूरा, छोला-चावल, तंदूरी, बिरयानी, फ्राइड राइस, दही बड़ा से लेकर आम, बेल, सत्तू, गन्ना आदि के शर्बत की दुकानें थीं। चाय, पान, सिगरेट की यहां करीब आधा दर्जन दुकानें थीं, जिसके खास शौकीन थे। यहां तब से दुकानें लग रही हैं, जब जुबिली पार्क बना था। हालांकि इनमें से कई पुराने दुकानदार अब नहीं हैं, लेकिन मौजूदा दुकानदारों में कुछ 25-30 वर्ष से दुकान लगा रहे हैं।

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पहले भी हटती रही हैं दुकानें

जुबिली पार्क से बंगाल क्लब तक जिला प्रशासन ने पहले भी इन ठेलों को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन कभी इस तरह से इन्हें उजाड़ा नहीं गया। करीब चार वर्ष पूर्व यहां के ठेले सड़क से सटकर लगते थे, जिन्हें जिला प्रशासन ने सड़क से दूर किया। यही नहीं, इन्हें व्यवस्थित तरीके से लाइन में ठेला लगाने को कहा गया। लगभग इसका पालन हो भी रहा था। इससे पहले जब भी इन्हें हटाने की कोशिश होती, दुकानदार प्रशासन से दिशा-निर्देश मांगते थे। दुकानों को इस तरह तोड़ने से हर कोई हैरान है, क्योंकि ऐसी कार्रवाई प्रशासन ने पहली बार की है।

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इडली-दोसा का एक ठेला बना कारण

जुबिली पार्क के साकची गेट से बंगाल क्लब तक जितने ठेले थे, उनमें इडली-दोसा का एक ठेला सबकी निगाह में चढ़ा हुआ था। जिला प्रशासन ने जब शुक्रवार की शाम बुलडोजर चलाने की कोशिश की, तो दुकानदार इसी बात पर अड़ गए कि पहले इडली-दोसा की इस खास दुकान को हटाएं, तो वे खुद अपनी दुकान हटा लेंगे। एसडीओ ने भी बताया कि जब सभी दुकानदारों ने ऐसा कहा, तो उन्होंने सबसे पहले इसी दुकान को हटाया। इसके बाद बाकी दुकानों-ठेलों को तोड़ा गया। ज्ञात हो कि इस दुकान का इडली-दोसा पूरे शहर में मशहूर था।


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