Jharkhand Assembly Election 2019:चुनावी दंगल में परिवार ने भी संभाली कमान, बेटा-बेटी से लेकर मां और पत्नी तक Prachar ke rang
Jharkhand Assembly Election 2019. इसे संयोग कहें या कुछ और पूर्वी सिंहभूम जिला के दो उम्मीदवार अलग-अलग कारणों से प्रचार नहीं कर पा रहे हैं जिसकी भरपाई परिवार के लोग कर रहे हैं।
जमशेदपुर,जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 लोकतंत्र के महापर्व में पार्टी व कार्यकर्ता की भूमिका अहम होती ही है, कुछ मामलों में उम्मीदवार का परिवार भी इसमें खुद को झोंक देता है। ऐसा ही इस बार के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है। इसे संयोग कहें या कुछ और, पूर्वी सिंहभूम जिला के दो उम्मीदवार अलग-अलग कारणों से प्रचार नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी भरपाई परिवार के लोग कर रहे हैं।
बन्ना की पत्नी
जमशेदपुर पश्चिमी से कांग्रेस के उम्मीदवार बन्ना गुप्ता की सोमवार रात को तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वे अब तक टीएमएच में इलाजरत हैं। ऐसे में उनकी पत्नी सुधा गुप्ता बुधवार को मानगो में प्रचार करने निकलीं।
समीर की मां, पत्नी और बेटी
बहरागोड़ा के झामुमो प्रत्याशी समीर महंती को एक पुराने केस में गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है, जिससे वे एक सप्ताह से भूमिगत हैं। ऐसी स्थिति में उनकी पत्नी नैना महंती तो चुनावी दंगल में उतर ही गई हैं, उनके साथ समीर की पांच वर्षीय बेटी साक्षी और समीर की मां छायारानी महंती भी अपने बेटे के लिए वोट मांग रही हैं।
रघुवर के पुत्र छान रहे गलियों की खाक
जमशेदपुर पूर्वी से छठी बार मैदान में उतरे मुख्यमंत्री रघुवर दास भी अभी तक अपने क्षेत्र में प्रचार नहीं कर पाए हैं। हालांकि उनके समर्पित कार्यकर्ताओं की फौज तो जी-जान लगा ही रही है, पुत्र ललित दास भी गलियों की खाक छान रहे हैं।
अरविंद के बेटे तो सबिता महतो की बेटी
ईचागढ़ विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार अरविंद उर्फ मलखान सिंह तो इस बार भी घूम ही रहे हैं, उनके पुत्र जय सिंह भी पिता के लिए वोट मांग रहे हैं। यहीं से झामुमो के टिकट पर दूसरी बार पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो भी चुनाव लड़ रही हैं। सविता महतो तो अपने लिए प्रचार कर ही हैं, उनकी बेटी स्नेहा महतो भी मां की मदद करने उतर गई हैं। पिछली बार भाजपा के विधायक साधुचरण महतो की पत्नी सारथी महतो ने भी चुनाव प्रचार किया था, जबकि इस बार वह मैदान में नहीं दिख रही हैं।
खरसावां में अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा
खरसावां सीट पर इस बार ना अर्जुन मुंडा चुनाव मैदान में हैं ना मीरा मुंडा, लेकिन दोनों यहां मेहनत कर रहे हैं। मीरा मुंडा ने तो भाजपा उम्मीदवार जवाहरलाल बानरा को विजयी बनाने के लिए दिन-रात पसीना बहा रही हैं। पहले यहां से मीरा मुंडा को ही भाजपा का टिकट मिलने की उम्मीद थी। ऐसा लगा था कि टिकट नहीं मिलने से वह निराश होंगी, लेकिन अब उन्हें देखकर यहां के कार्यकर्ता व मतदाता भी हैरान हैं। ऐसा लग रहा है कि वे खुद उम्मीदवार हों। चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आएगी, अन्य उम्मीदवारों के परिवार भी इस महासमर में दिख सकते हैं।