गुदड़ी नरसंहार : परिजन नहीं आए मृतकों के शव लेने, प्रशासन ने गांव भेजा
Gudri massacre. गुदड़ी के बुरूगुलीकेरा गांव में सामूहिक नरसंहार के शिकार हुए लोगों के शव लेने परिजन चक्रधरपुर नहीं आए। पत्थलगड़ी के समर्थन और विवाद में सात हत्याएं हुईं।
जमशेदपुर/चक्रधरपुर, जेएनएन। Gudri massacre नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी के बुरूगुलीकेरा गांव में सामूहिक नरसंहार के शिकार हुए लोगों के शव लेने मृतकों के परिजन चक्रधरपुर नहीं आए। इसके बाद प्रशासन ने अपने स्तर से इंतजाम कर सबों के शव को उनके गांव भेजन की व्यवस्था की।
बुधवार को बड़ी मशक्कत के बाद बुरूगुलीकेरा गांव के समीप के जंगल से मारे गए सात लोगों के शव पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस लाए गए थे। बुधवार की रात ही पुलिस- प्रशासन की मौजूदगी में अंत्यपरीक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई। शाम लगभग साढ़े छह बजे शवों का पोस्टमार्टम प्रारंभ हुआ जो रात आठ बजे तक चला। छह सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने सात शवों का अंत्यपरीक्षण किया। अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर नंदू होनहागा, डॉक्टर मोईज अख्तर अंसारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर आरएन सोरेन समेत चाईबासा के चिकित्सकों के दल ने शवों का पोस्टमार्टम किया। इसके बाद शवों को रेलवे अस्पताल स्थित शीतगृह भेज दिया गया। यहां से गुरुवार को शवों को प्रशासन ने अपने स्तर से व्यवस्था कर बुरूगुलीकेरा गांव वापस भेज दिया।
गला काट कर की गई थी हत्या
पत्थलगड़ी के समर्थन और विरोध को लेकर गांव के उप मुखिया जेम्स बूढ़ (30), निर्मल बूढ़ (25), लोम्बा बूढ़ (25), एतवा बूढ़ (27), कोंजो टोपनो (23), जरवा बूढ़ (22) और बोआस लोमगा (35) की अगवा कर जंगल में ले जाकर गला काट कर हत्या कर दी गई थी। अगवा किए गए लोदरो बूढ़ और रोशन बरजो अब भी लापता हैं। मामले में डीआइजी कुलदीप द्विवेदी ने लापरवाही बरतने के आरोप में गुदड़ी के थाना प्रभारी अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पूछताछ के लिए तीन ग्रामीण हिरासत में लिए गए हैं। इनमें कोजे बूढ़, राणा सी बूढ़ व जितेन्द्र बूढ़ शामिल हैं। इनसे पूछताछ चल रही है। मामले में अभी प्राथमिकी दर्ज नहींं की गई है। पुलिस दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी में है।