Weekly News Roundup Jamshedpur : भरत धराए, दहशत में 'राम', पढ़िए पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur.भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गिरफ्त में आए शुक्ला को रिमांड पर लेने की सुगबुगी है। ईमानदारी से पूछताछ हुई तो कई राज सामने आएंगे।
जमशेदपुर, अन्वेश अम्बष्ठ। Weekly News Roundup Jamshedpur टाटानगर रेल थाना में पदस्थापित एएसआइ भरत शुक्ला रिश्वत लेते क्या धराए, महकमे में खलबली मची हुई है। जीआरपी समेत शहर के मालदार थानों में पदस्थापित रहे उन अफसरों के पसीने छूटने लगे हैं जिनके संरक्षण में शुक्ला वसूली की अपनी दुकान चलाते रहे थे।
चर्चा है कि पैसा ऐंठने के लिए अक्सर अपने सीनियर अफसरों को बड़े भाई 'राम' की तरह प्रस्तुत किया करते थे और लाठी बजाते हुए यह कहने में संकोच नहीं करते थे कि असली रकम इनके राम जी को अर्पित होगी। उनके हिस्से में तो महज कमीशन आएगा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गिरफ्त में आए शुक्ला को रिमांड पर लेने की सुगबुगी है। ईमानदारी से पूछताछ हुई तो कई राज सामने आएंगे। उन पुलिस अधिकारियों के बारे में जानकारी हासिल हो सकती है जिन्होंने भरत शुक्ला को कमीशन एजेंट बनाकर वसूली की खुली छूट दे रखी थी। इसलिए ब्यूरो की साख भी दांव पर है।
अपराधी व कारोबारी का 'जमीनी' गठजोड़
अपराधी और जमीन कारोबारियों में गठजोड़ हो गया है। सफेदपोश इन्हें संरक्षण दे रहे हैं। पुलिस भी माल बटोर रही है। मदद करने पर गिफ्ट में जमीन भी मिलती है। इससे जमीन विवाद बढ़ रहे हैं। धंधा बेखौफ हो रहा है। मानगो, परसुडीह, गोविंदपुर, आदित्यपुर, गम्हरिया, कपाली, चांडिल और शहर सटे इलाके में हाल के दिनों में भू-माफिया की हत्या, फाय¨रग सहित अन्य वारदातें बढ़ी हैं। धंधे में दबदबा को गैंगवार हो रहे हैं। जमीन पर कब्जा कराने को अपराधियों से कारोबारी बड़ी-बड़ी डील कर रहे हैं। चौक-चौराहे, रजिस्ट्री कार्यालय, गली-मुहल्ले में जमीन की खरीद-बिक्री पर चर्चा होती है। आदित्यपुर में जमीन कारोबारी रजत बेज और सरायकेला के बीरबांस में खरीद-फरोख्त रोकने के कारण बुद्धेश्वर कुम्भकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुपारी देकर हत्या कराई गई। ऐसा नहीं कि ये मामले पुलिस तक पहुंच नहीं रहे हैं। हकीकत है कि इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कौन होगा गोविंदपुर का थानेदार
गोविंदपुर थाना प्रभारी अशोक पासवान को निलंबित कर दिया गया। पांच दिन बीत गए। नए थानेदार को पदस्थापित नहीं किया गया। थानेदारी पदभार के सहारे चल रही है। इलाके का नया थानेदार कौन होगा, किसे मिलेगी थानेदारी? विभाग से लेकर इलाके के लोगों तक इस पर चर्चा है। दावेदारों की लंबी लाइन एसएसपी के दरबार में लग रही है। इसके कारण भी है। साहब 30 दिनों की लंबी ट्रेनिंग के बाद हैदराबाद से लौटे हैं, उनकी अनुपस्थिति में थानेदार को हटाया गया था। आए हैं तो प्रभारी की प्रतिनियुक्ति भी करनी है। होली का त्योहार नजदीक है। वैसे, लंबे समय तक गोविंदपुर का थानेदार कोई नहीं रहा। अशोक बमुश्किल 10 महीने के लिए थानेदार रहे। इंस्पेक्टर रेणु गुप्ता चार माह की थाना प्रभारी रहीं। महेंद्र करमाली भी कुछ माह पदस्थापित रहे। इलाका राजनीतिक गतिविधि का केंद्र है। नेताओं के निशाने पर थानेदार रहते हैं। किसी की अनदेखी भारी पड़ती है।
बिना जांच के सब पार
घाघीडीह जेल में लगी स्कैनर मशीन खराब है। जेल गेट के भीतर बंदियों को उनके वार्ड तक सामान पहुंचा दिए जा रहे हैं। अदालत में पेशी के बाद वापसी में बंदी सीधे वार्ड में चले जा रहे हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है। 20 मार्च, 2009 को परमजीत सिंह की जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच में पाया था कि हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही से अंदर चली गई थी। जिसके कारण घटना हुई। इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए जेल गेट पर स्कैनर मशीन लगाई गई थी। बंदियों के सामान को स्कैनर मशीन से गुजारा जाता था। अब मुलाकाती आते हैं, सामान दे जाते हैं, जिसे एक साथ ट्राली पर रखकर सुरक्षाकर्मी हाथ से जांच करते है और ट्राली को सीधे अंदर भेज देते हैं। इसी कारण औचक छापामारी में वार्ड या बंदियों के पास प्रतिबंधित सामान बरामद होते रहते हैं।