कोल्हान से भी करोड़ों ठगकर ले गई है कोलकाता की रोज वैली
कोलकाता की रोज वैली में कोल्हान के भी निवेशकों ने रुपये जमा किये थे। कंपनी के कार्यालय में ताला लटक जाने से यहां के निवेशकों के रुपये डूब गए थे।
जमशेदपुर[अन्वेष अंबष्ठ]। रोज वैली और सारधा ग्रुप ऑफ कंपनीज के चिटफंड घोटाले की सीबीआइ जांच को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक (हाई वोल्टेज ड्रामा) बवाल मचा हुआ है। रोज वैली में कोल्हान के भी निवेशकों ने रुपये जमा किये थे। कंपनी के कार्यालय में ताला लटक जाने से यहां के निवेशकों के रुपये डूब गए थे।
जमशेदपुर समेत प्रदेश में हुए चिटफंड घोटाले में सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है। कंपनी के पदाधिकारियों समेत इससे जुड़े 115 लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा के निवेशकों ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता की रोज वैली में करोड़ों रुपये जमा कराए थे। कार्यालय बंद कर कंपनी के पदाधिकारी रातों-रात 20 सितंबर 2015 को फरार हो गए। दूसरे दिन निवेशकों को जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए थे।
2007 से बहरागोड़ा में कर रही थी कारोबार
कंपनी 2007 से बहरागोड़ा में कारोबार कर रही थी। घाटशिला अनुमंडल में कंपनी ने एजेंटों के माध्यम से राशि जमा कराई थी। मैच्योरिटी होने के पहले ही कंपनी फरार हो गई। बहारागोड़ा के रामचंद्र मुर्मू ने 70, तपन नाथ ने 1 लाख जमा किया था। इसके साथ ही ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने जीवन भर की कमाई जमा कर रखी थी। पश्चिमी सिंहभूम में 125 से अधिक ठगे गए इसी तरह पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा और उसके आस-पास स्थित गांव के 125 से अधिक ग्रामीण भी रोज वैली कंपनी की ठगी के शिकार हो चुके हैं। कंपनी के कार्यालय पर दिसंबर 2018 से ताला लटका हुआ है। कंपनी ने निवेशकों को कम समय में रुपये दोगुने होने के लालच देकर निवेश कराया गया था।
सरायकेला-खरसावां भी प्रभावित
सरायकेला-खरसावां भी नहीं रहा अछूता सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर के शर्मा मार्केट से अप्रैल 2015 से कोलकाता की वेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने लोगों के चार करोड़ रुपये लेकर फरार हो चुकी हैं। गम्हरिया में रोज वैली का कार्यालय काफी बड़ा था, जो बंद हो गया।