पार्किग संचालक चला रहा समानांतर कानून व्यवस्था
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर टाटानगर स्टेशन पार्किंग क्षेत्र का इन गेट परिसर राजकीय रेल पुलिस थ्
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर
टाटानगर स्टेशन पार्किंग क्षेत्र का इन गेट परिसर राजकीय रेल पुलिस थाना के अधीन है जबकि इन गेट के बाहर और आउट गेट एरिया बागबेड़ा थाना क्षेत्र में आता है। पार्किंग में हमेशा यात्रियों के साथ मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं। दुर्व्यवहार किया जाता है। छेड़खानी होती है। परेशान यात्री इसकी शिकायत थाना में करते है, लेकिन पार्किंग संचालक के मैनेज सिस्टम के कारण कानूनी कार्रवाई नही होती। वहीं पार्किंग क्षेत्र दो थाना क्षेत्र में बंटे होने का फायदा पार्किंग संचालक उठा रहा है। उल्टे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
पार्किंग क्षेत्र परिसर में कई ऐसी घटनाएं हुई जो यह बयां करती हैं कि यहां पार्किंग ठेकेदार की दबंगई चलती है। रेलवे ने ठेका राशि की वसूली कर ठेकेदार को दबंगई करने की खुली कानूनी छूट दे रखी है। क्षेत्र अवैध कमाई का जरिया बन गया है। पार्किंग एरिया के बाहर जाकर कर्मचारी रुपये वसूल रहे हैं। इन गेट की सड़क पर कर्मचारी टिकट लेकर खड़े देखे जाते हैं वहीं ड्राप लाइन में जाने वाले वाहनों को जबरन रोककर वसूली की जाती है। टिकट थमा दिया जाता है जिसको लेकर हमेशा विवाद होता है।
रेलवे अधिकारी बयां करते हैं कि 200 मीटर के बाहर पार्किंग शुल्क नही ले सकते है सिवाय कामर्शियल वाहन और ऑटो के, लेकिन यहां सबकुछ विपरीत होता है। नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों से भी जुर्माना वसूला जाता है। पार्किंग कर्मचारी वाहनों में जंजीर लगा देते है। ये सब रेलवे पुलिस बल के जवानों की उपस्थिति में होता है।
आखिर क्यों नहीं होती शिकायत पर कार्रवाई : हमेशा हंगामे का कारण बने पार्किंग क्षेत्र में मारपीट होती है। बीते - सात अक्टूबर को कदमा के युवकों ने पार्किंग कर्मचारियों के खिलाफ मारपीट की की शिकायत रेल थाना में दर्ज कराई थी। वहीं बचाव में पार्किंग ठेकेदार ने आरपीएफ और राजकीय थाना में शिकायत दी थी।
- 14 सितंबर 17 को पार्किंग क्षेत्र में फाय¨रग की घटना हुई थी। खोखा मिला था, लेकिन कोई कार्रवाई नही की गई।
- 14 अगस्त को भी मारपीट की घटना हुई।
- मार्च 16 में सिदगोड़ा निवासी अनूप सिंह, उनकी पुत्री समेत चार के साथ पार्किंग कर्मचारियों ने मारपीट की थी।
- 06 अक्टूबर को कदमा निवासी छात्र रवि को पार्किंग कर्मचारियों ने मारपीट कर घायल कर दिया था। एकाध मामले को छोड़ किसी मामले में कोई कार्रवाई नही की गई।