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बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टर कर रहे जीएसटी की चोरी

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जुलाई 2017 में लागू हुआ था, तो यह माना जा रहा था कि ऑनलाइन व्यवस्था होने से सबकुछ पारदर्शी होगा। इसमें सबसे ज्यादा सुविधा बिल या इन्वायस और रोड परमिट की सुविधा व्यापारियों-कारोबारियों को मिली। इसके लिए पहले कर विभाग के दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता था, पैरवी करनी पड़ती थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 08:00 AM (IST)
बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टर कर रहे जीएसटी की चोरी
बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टर कर रहे जीएसटी की चोरी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जुलाई 2017 में लागू हुआ था, तो यह माना जा रहा था कि ऑनलाइन व्यवस्था होने से सबकुछ पारदर्शी होगा। इसमें सबसे ज्यादा सुविधा बिल या इन्वायस और रोड परमिट की सुविधा व्यापारियों-कारोबारियों को मिली। इसके लिए पहले कर विभाग के दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता था, पैरवी करनी पड़ती थी। जीएसटी में यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध करा दी गई। इससे माना गया कि व्यापारी खुद बिल-इन्वायस और ई-वे बिल निकाल (जेनरेट) कर ईमानदारी से कारोबार करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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अप्रैल 2018 से ई-वे बिल (रोड परमिट) लागू होने के बाद विभाग सक्रिय हुआ, तो सड़क पर धड़ाधड़ गाड़ियां पकड़ी जाने लगीं। धीरे-धीरे इसमें कमी आने लगी। जुलाई से अक्टूबर तक ई-वे बिल की अनियमितता वाली गाड़ियों की संख्या नगण्य स्थिति तक पहुंच गई। इसके बाद पंचायत चुनाव में व्यस्तता और फर्जी कारोबार के लिए दूसरे माध्यम चुने जाने से विभाग की नजरों से बड़ी गाड़ियां ओझल हो रही थीं। इक्का-दुक्का छोटी गाड़ियां ही पकड़ी जा रही थीं।

जनवरी से इसमें तेजी आई, तो बड़ी गाड़ियां पकड़ी जाने लगीं। इसमें बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टरों द्वारा इन्वायस और ई-वे बिल की चोरी पकड़ी जा रही है। पिछले सप्ताह झारखंड राज्य कर विभाग ने कांड्रा टोल ब्रिज से कोयला लदे पांच ट्रक पकड़े, जो बिना ई-वे बिल के लोहरदगा से ऊषा मार्टिन जा रही थी। रविवार की रात को मानगो पुल से दो ट्रांसपोर्टरों के ट्रक पकड़े गए, जो बिना बिल के लाखों रुपये के माल दिल्ली से जमशेदपुर आ रहे थे। विभागीय अधिकारियों ने इन्हें पकड़कर बिष्टुपुर स्थित कार्यालय परिसर लाया। ट्रक अनलोड कर जांच की जा रही है। इन ट्रकों पर जूता-चप्पल, कपडे़ समेत कई तरह के सामान हैं। जांच के बाद इन पर जुर्माना लगाया जाएगा। कोयला लदे ट्रकों से करीब 40 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया था। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक ट्रक चालकों या ट्रांसपोर्टरों ने ई-वे बिल लेना जरूरी नहीं समझा या लापरवाही बरती। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।

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रात को हो रही चेकिंग

झारखंड राज्य कर विभाग के अधिकारी हर दिन आधी रात को चेकिंग कर रहे हैं। अधिकारी कांड्रा टोल ब्रिज, मानगो पुल, खरकई पुल, डिमना चौक आदि पर छापेमारी कर ट्रकों को पकड़ रहे हैं। ट्रांसपोर्टरों पर विभाग की विशेष नजर है। बिना इन्वायस या ई-वे बिल के पकड़े गए ट्रक को जब्त किया जा रहा है।

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पकड़े गए ट्रकों के ट्रांसपोर्टरों को बिल प्रस्तुत करने के लिए समय दिया जाएगा। यदि वे बिल देने में असमर्थ रहे तो विभाग वस्तु के मूल्य पर सौ फीसद तक जुर्माना लिया जाएगा।

- संजय कुमार प्रसाद, संयुक्त आयुक्त (प्रशासन), झारखंड राज्य कर विभाग


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