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पीएफ कर्मियों ने चौथे दिन भी किया सांकेतिक प्रदर्शन, दी ये चेतावनी Jamshedpur News

कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ) कर्मचारी यूनियन जमशेदपुर ने गुरुवार को चौथे दिन भी सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे लगाए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 06:30 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 06:30 PM (IST)
पीएफ कर्मियों ने चौथे दिन भी किया सांकेतिक प्रदर्शन, दी ये चेतावनी Jamshedpur News
पीएफ कर्मियों ने चौथे दिन भी किया सांकेतिक प्रदर्शन, दी ये चेतावनी Jamshedpur News

जमशेदपुर, जेएनएन। कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ) कर्मचारी यूनियन, जमशेदपुर ने गुरुवार को चौथे दिन भी सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे लगाए। साकची स्थित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के समक्ष दोपहर भोजनावकाश के दौरान कर्मचारियों ने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और मांग के समर्थन में आवाज बुलंद की। 

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यूनियन के अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि वैसे हड़ताल में आठ सूत्री मांग है, लेकिन मुख्य रूप से कर्मचारियों के पद का ढांचागत सुधार (री-स्ट्रक्चर) नहीं होना है। री-स्ट्रक्चर दिसंबर 2015 से लागू होना था। इसमें ग्रुप-ए के अधिकारियों ने अपना री-स्ट्रक्चर कर लिया, जबकि ग्रुप बी, सी व डी को अपने हाल पर छोड़ दिया। यह विरोध प्रदर्शन 19 से चल रहा है तो 23 अगस्त तक चलेगा। 

ये रहे प्रदर्शन में शामिल

सांकेतिक प्रदर्शन अखिल भारतीय इपीएफ स्टॉफ फेडरेशन के आह्वान पर किया जा रहा है। प्रदर्शन में सचिव धर्मेंद्र कुमार, अंकेक्षक इंद्रजीत कुमार, सह सचिव पवन कुमार, संगठन सचिव रतन कुमार, सुरेश प्रसाद, विवेक कुमार, रामयतन ठाकुर, कोषाध्‍यक्ष सतीश कुमार, ऑल इंडिया एससी-एसटी यूनियन के अध्यक्ष अनिल कुमार के अलावा अजय कुमार, माधुरी, सुषमा मिंज, रश्मि कुमारी, कॉवेरी राय, पुष्पा झा आदि ने भाग लिया।

ये रही मांगें

  1. विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट 9 दिसंबर 2015 से किया जाए।
  2. सभी कैडर यथा बी, सी, डी की भर्ती अनुमोदित नियमों के अनुसार हो।
  3. स्टॉफ में स्टेनो, पीएस, कैंटीन स्टॉफ पर अनुवादकों को भी रखा जाए।
  4. 31 मार्च 2019 तक के कार्यभार विसंगतियों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त कर्मचारियों की तत्काल नियुक्ति की जाए।
  5. इसके अलावा दिव्यांग कर्मचारियों व सेवारत पति-पत्नी के कारण अंतरराज्यीय स्तर पर स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाए। 
  6. अस्थायी अंतरराज्य नीति को संशोधित किया जाए।
  7. वन टाइम रिलेक्सेशन के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए। 
  8. बढ़ते कार्यभार को देखते हुए अतिरिक्त कर्मचारियों की तत्काल नियुक्ति की जाए।   

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