Jharkhand: सेल वैल्यू तय नहीं होने से बेकार पड़ा है देश का इकलौता पन्ना ब्लाक Jamshedpur News
सेल वैल्यू तय नहीं होने से देश का इकलौता पन्ना ब्लाक बेकार पड़ा है । झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांधा में दो वर्ग किलोमीटर में अरबों का चट्टान है ।
जमशेदपुर, मनोज सिंह। पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांधा में दो वर्ग किलोमीटर में बेशकीमती पन्ना पत्थर का ब्लाक है। यदि इसकी नीलामी कर दी जाए तो झारखंड के साथ देश की सूरत बदल सकती है। बताया जाता है कि यह गुड़ाबांधा प्रखंड के तीन मौजा हरियाण, बारूनमुटी व चडरीबुरू के दो वर्ग किलोमीटर में है। इसकी गुणवत्ता बेहतर है। नीलामी इसलिए नहीं हो रही कि सेल वैल्यू नहीं मिल रहा।
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड व नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन व स्थानीय टीम ने गुडाबांधा का दौरा किया था। इसके बाद सेल वैल्यू निकालने की जिम्मेदारी इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (आइबीएम) नागपुर को दी गई। चूंकि देश में कहीं भी पन्ना खदान नहीं है, इसलिए कीमत बताने से आइबीएम ने मना कर दिया। इसके बाद झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड रांची व नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन हैदराबाद ने विचार विमर्श के बाद मध्यप्रदेश में पन्ना निकालने वाली कंपनी से संपर्क किया। लेकिन, उसने भी पन्ना खनन में कोई रूची नहीं दिखाई। जब तक सेल वैल्यू तय नहीं हो जाती तब तक नीलामी संभव नहीं है।
21 सितंबर 2012 को गुड़ाबांधा में पन्ना होने की बात सामने आई
गुड़ाबांधा नक्सल प्रभावित है। कुख्यात नक्सली कान्हू मुंडा का दस्ता यहीं रहता था। अचानक 21 सितंबर 2012 को यहां अवैध खदान धंसने से तीन लोगों की मौत हो गयी। जमशेदपुर के तत्कालीन एसएसपी अनूप टी मैथ्यू के नेतृत्व में सीआरपीएफ व भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच व पूछताछ में पाया गया कि जिस खदान में मौत हुई है, वहां बेशकीमती पन्ना की खोदाई होती थी। तब पुलिस और प्रशासन को यह पता चला कि गुड़ाबांधा में पन्ना है। इसके बाद राज्य सरकार सक्रिय हुई। जांच-पड़ताल के बाद पुष्टि हो गई कि यहां पन्ना है। अवैध खनन की बात भी सामने आई। नक्सली क्षेत्र होने के कारण यह बात बाहर नहीं पहुंच पा रही थी।
राज्य ही नहीं देश की भी बदल सकती है सूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि गुड़ाबांधा क्षेत्र का पन्ना उच्च क्वालिटी का है। बाजार में साधारण पन्ना की कीमत 5000 रुपये रत्ती है। यानी करीब तीन करोड़ प्रति किलोग्राम। यदि केंद्र व राज्य सरकार इस पर रूची ले तो झारखंड की सूरत तो बदलेगी ही देश के लिए भी गर्व की बात होगी। अभी देश में कोलंबियन पन्ना, जांबियन पन्ना व ब्राजील के पन्ना की मांग है।
इसलिए आ रही दिक्कत
सेल वैल्यू तय नहीं होने के कारण अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। देश में कहीं पन्ना खदान नहीं है, इसलिए दिक्कत आ रही है। अब सरकार को निर्णय लेना है कि आगे क्या करना है।
- संतोष कुमार सिंह, उप निदेशक भूतत्व एवं खान, झारखंड सरकार