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Ucil:दस माह में ग्यारह बार हुई वार्ता फिर भी खाली हाथ

यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में वेतन समझौता को लेकर दस माह के अंदर 11 बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन अबतक एक भी बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 02:42 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 02:42 PM (IST)
Ucil:दस माह में ग्यारह बार हुई वार्ता फिर भी खाली हाथ
Ucil:दस माह में ग्यारह बार हुई वार्ता फिर भी खाली हाथ

जादूगोड़ा (पूर्वी सिंहभूम), जेएनएन। यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआइएल) में वेतन समझौता को लेकर दस माह के अंदर यूसीआइएल के श्रमिक संगठनों और प्रबंधन के बीच लगभग 11 बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन अबतक एक भी बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है। इससे यूसिल के साढे चार हजार मजदूरों में श्रमिक संगठन और प्रबंधन के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है।

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यूसीआइएल का पुराना वेतन समझौता 31 मार्च 2018 को समाप्त हो गया था। नए वेतन समझौता को लेकर मात्र एक माह के अंदर ही सभी श्रमिक संगठनों ने अपना-अपना डिमांड सौंप दिया था। उक्त सभी डिमांड को लेकर एक कॉमन डिमांड बनाया गया और उस डिमांड के आधार पर बैठक का दौड़ शुरू हुआ, लेकिन अबतक एक भी बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है। यहां तक कि वेतन समझौता मामले को लेकर यूसीआइएल के अध्यक्ष सह प्रबंधक निदेशक सीके असनानी भी खुद वार्ता में कई बार शामिल हुए थे।

दस से पांच वर्ष के चक्कर में कई माह गुजरे

10 वर्ष या पांच साल का होगा वेतन समझौता। लगभग दो माह गुजरने के बाद श्रमिक संगठनों ने पांच साल का वेतन समझौता होगा, इसपर प्रबंधन को अपना प्रस्ताव दे दिया। हुआ यूं कि यूसीआइएल के सीएमडी सीके असनानी ने श्रमिक संगठनों को प्रस्ताव दिया था कि यूसीआइएल के मजदूरों का वेतन समझौता दस साल का होगा। इस प्रस्ताव को लेकर श्रमिक संगठनों ने सभी इकाई पर आम सभा करने के बाद यूसीआइएल जादूगोड़ा सामुदायिक केंद्र में आपसी बैठक की और तय किया गया कि यूसिल प्रबंधन के साथ पांच साल के लिए मजदूरों का समझौता किया जाएगा। इसके बाद श्रमिक संगठनों ने पांच वर्ष का वेतन समझौता करने को लेकर बैठक का दौर शुरू किया।

श्रमिक संगठनों की ये हैं प्रमुख मांगें

यूसिल के श्रमिक संगठन जादूगोड़ा लेवर यूनियन, सिंहभूम यूरेनियम मजदूर यूनियन, यूरेनियम मजदूर संघ और यूरेनियम कामगार यूनियन द्वारा दिए गए कॉमन डिमांड के आधार पर मजदूरों का बेसिक और डीए का 35 फीसद है। इससे मजदूरों का न्यूनतम वेतन 31 हजार 950 रुपये हो जाएगा। वर्तमान में मजदूरों को वेतन लगभग 18 हजार रुपये बेसिक और डीए दिया जा रहा है। बेसिक और डीए प्रतिशत के अलावा विभिन्न भत्तों की भी मांग की गई, जिसमें माइंस अंडर ग्राउंड भत्ता बेसिक का 30 फीसद, बगैर किसी कटौती का हाजिरी भत्ता 10 फीसद, जादूगोड़ा भत्ता 10 फीसद, घर भत्ता 30 फीसद, मोटरसाईकिल भत्ता 10 फीसद, नाईट सिफ्ट भत्ता 25 फीसद, चिकित्सा सुविधा में मजदूरों को बाहरी चिकित्सा सुविधा एवं सेवानिवृत्त मजदूरों को भी बाहरी मेडिकल सुविधा, मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता के लिए 14 हजार रुपये देने समेत 44 बिन्दुओं रखा गया है।

अगली वार्ता की तैयारी

प्रबंधन और श्रमिक संगठनों के बीच हुई 11 बार की वार्ता में एक भी बिंदुओं पर समझौता नहीं हुई। अगली वार्ता जल्द ही तय की जाएगी।

- सिगो चाकी, महामंत्री जादूगोड़ा लेवर यूनियन 


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