पटाखे नहीं अब मधुमक्खी की आवाज से भगाए जायेंगे हाथी Jamshedpur News
पटाखों की आवाज से अब हाथी नहीं भाग रहे। धुआं का भी कोई असर नहीं हो रहा। ऐसे में वन विभाग रिहायशी इलाकों से हाथियों को भगाने के लिए मधुमक्खी की आवाज का सहारा लेगी।
जमशेदपुर, जासं। हाथियों को रिहायशी इलाके से दूर रखने के लिए दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में अब मधुमक्खी की आवाज निकाल कर भगाया जाएगा। इसके लिए क्यूआरटी टीम के लिए मंगाए गए विशेष वाहन में लगे हूटर में हाथी की आवाज के साथ ही अब मधुमक्खी की आवाज निकलेगी, जिससे हाथी को दूर रखा जा सकता है।
इसके लिए हूटर से जैसे ही मधुमक्खी की भिनभिनाने की आवाज निकलेगी हाथी उससे दूर भागने लगेगा। हाथियों पर विशेषज्ञता रखने वाले दलमा के रेंजर दिनेश चंद्रा का कहना है कि चूंकि हाथी बहुत ही चालाक जानवर है वह जल्द ही नकल करने लगता है और वह धीरे-धीरे आदि हो जाता है, यही कारण है कि अब पटाखा की आवाज से भी हाथी दूर नहीं जाते। सोमवार को दलमा के कदमझोर, बांधडीह, दलमा रोड तथा छोटका बांध के पास हाथियों का झुंड अपने बच्चों के साथ विचरण कर रहा है।
रिहायशी इलाके से दूर रखने में कारगर होगी साबित
हाथियों को रिहायशी इलाके से दूर रखने के लिए कई उपाय का उपयोग किए जाते रहे हैं। गोबर में लाल मिर्च डालकर जलाने, पटाखा फोडऩे, हाथी का आवाज निकालने से हाथी दूर भागते थे, लेकिन अब इसका असर नहीं के बराबर है। अब केवल मशाल जलाने से हाथी दूर रहता है। फिलहाल हाथियों को दूर रखने के लिए मशाल ही कारगर सहारा बना हुआ है। अब चूंकि हूटर से मधुमक्खी की आवाज निकलने लगेगी जिससे हाथी को आसानी से दूर रखा जा सकता है और जान-माल की नुकसान नहीं हो सकेगा।
रेलवे ने सबसे पहले मधुमक्खी की आवाज का किया प्रयोग
रेल लाइन पर हाथियों के कटने की लगातार घटना के बाद रेलवे ने वन विभाग के साथ मिलकर प्रयोग किया। जिसमें ऐसे जंगल इलाके जहां बहुतायत हाथी पाए जाते हैं। वैसे इलाके में रेलवे ने मधुमक्खी की आवाज निकालने वाले हूटर लगाए। इसका परिणाम बहुत ही सुखद रहा। हाथी रेलवे लाइन के पास आए ही नहीं। बता दें कि हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में इन दिनों पांच दर्जन से अधिक हाथी विभिन्न झुंडों में अपने बच्चों के साथ विचरण कर रहे हैं। क्यूआरटी टीम हाथी के साथ ही निकालेगी