चाकुलिया में हाथी ने मां-बेटी को मार डाला Jamshedpur News
Elephant killed mother-daughter in Chakulia पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया प्रखंड में हाथी का कहर फिर बरपा है। इस बार हाथी की चपेट में आए मां और उसकी बेटी की जान चली गई।
जमशेदपुर (जेएनएन)। पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया प्रखंड में हाथी का कहर फिर बरपा है। इस बार हाथी की चपेट में आए मां और उसकी बेटी की जान चली गई।
चाकुलिया प्रखंड के कालापाथर पंचायत के गोहालडीह सबर टोले में सुबह करीब पांच बजे यह हादसा उस समय हुआ जब हाथियों का एक दल गांव में घुस आया। हाथियों के झुंड के आते ही गांव में भगदड़ मच गई। इसी भगदड़ के बीच जयराम सबर की पत्नी कल्याणी सबर अपनी चार वर्षीय पुत्री दीया सबर को गोद में उठाकर भाग रही थी। भागते-भागते अचानक वह हाथियों के झुंड के सामने आ गई। उसके बाद वह आगे नहीं भाग सकी और हाथियों ने दोनों को कई बार पटका जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मंजर देख रहे ग्रामीणों में दहशत छा गई। घटना की जानकारी मिलने पर बहरागोड़ा के विधायक समीर महंती गांव पहुंचे और मृतकों के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी।
शनिवार को भी हाथियों की चपेट में आए सबर की हो गई थी मौत
इलाके में हाथियों का आतंक काफी बढ़ गया है। हालत यह है कि कोई भी ग्रामीण अपने घर से निकलते समय भयग्रस्त रह रहा है। पिछले शनिवार को भी पिकलू सबर को हाथियो ने पटककर मार डाला था। पिकलू सबर की मौत के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की थी कि विभाग के कर्मचारी गांव में कैंप करें।
जंगल से आनेवाले हाथियों को भगाने के लिए वन विभाग की टीम गांव में ही आकर ठहरे। ग्रामीणों की इस मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। मां-बेटी की मौत के बाद इलाके के ग्रामीण वन विभाग को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। घटना के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग के पदाधिकारियों को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ा।
ग्रामीणों के साथ बैठक, रेंजर ने दी सहायता राशि
सबर महिला और उसकी बच्ची की मौत की जानकारी मिलने के बाद जिला वन संरक्षण पदाधिकारी डॉ अभिषेक कुमार ने ग्रामीणों के साथ बैठक की। ग्रामीणों की ओर से विधायक समीर महंती ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
वन विभाग के रेंजर अशोक कुमार सिंह ने दोनों मृतकों के दाह संस्कार के लिए परिजनों को तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता राशि देते हुएए जल्द ही निर्धारित मुआवजा राशि देने का आश्वासन दिया।
जिला वन संरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि रास्ता भटक जाने के कारण हाथी जंगल के रास्ते निकल नहीं पा रहे हैं और गांव की ओर चले आ रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया के वे महुआ शराब नहीं बनाएं। महुआ शराब बनाने के दौरान उसकी महक से आकर्षित होकर भी हाथी आ सकते हैं। कहीं उन्हें महुआ शराब मिल गई तो उसे पीकर वे और भी बेकाबू हो सकते हैं।
इसी बात पर ग्रामीण आक्रोश से भर उठे। इसके बाद डॉ अभिषेक कुमार ने यह आश्वासन दिया कि जल्द ही वन विभाग की ओर से विशेष टीम का गठन कर हाथियों को भगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसमें ग्रामीणों को भी अपनी ओर से हर संभव सहयोग करना चाहिए। बैठक में घाटशिला प्रखंड के एसडीओ अमर कुमार, भाजपा नेता सरोज महापात्रा, सीओ अरविंद ओझा, रेंजर अशोक कुमार सिंह, वनपाल बुद़धदेव, चाकुलिया थाने के प्रभारी अनिल नायक सहित बड़ी संख्या में अन्य लोग उपस्थित थे।