चांडिल में जंगली हाथियों का आतंक, मकानों को किया क्षतिग्रस्त, खा गए अनाज
सरायकेला खरसावा जिले के चांडिल प्रखंड क्षेत्र के दो गांवों में जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। पांच घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। ग्रामीणों के घरो में रखे अनाज खा गए।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जंगली हाथियों के झुंड का आतंक चांडिल क्षेत्र में एक बार फिर शुरू हो गया है। हाथियों के झुंड ने बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे मातकमडीह में नेपाल महतो, नेपाल प्रमाणिक और विनोद महतो का मकान तोड़ दिया और मकान में रखे अनाज को अपना निवाला बनाया। वहीं मंगलवार की भोर करीब तीन बजे जंगली हाथियों के झुंड ने बिदरी गांव में कैलाश पुरान और लीलावती देवी के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। यहां भी हाथियों ने कैलाश पुरान के मकान में रखे धान को अपना आहार बनाया। बिदरी में जंगली हाथियों की संख्या सात थी जबकि मातकमडीह में आठ से नौ की संख्या में जंगली हाथी घुम रहे थे। उरमाल के मुखिया भीम सिंह मुंडा ने बताया कि जंगली हाथियों की झुंड पिछले कई दिनों से क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। झुंड में दो दांत वाले हाथी है, जो टीम की अगुवाई कर रहे हैं। विशालकाय हाथी के दांत करीब तीन फीट लंबे है। उन्होंने बताया कि इतने बढ़े हाथी दलमा जंगल में नहीं है। संभवत: ये हाथी सारंडा जंगल से आए है।
नहीं पहुंचा वन विभाग
जंगली हाथियों के उत्पात मचाए जाने के दो दिन बाद भी वन विभाग के पदाधिकारी व कर्मचारी प्रभावित क्षेत्र और पीड़ित व्यक्ति के घर नहीं पहुंचे। गांव में घुस रहे जंगली हाथियों को वापस जंगल में पहुंचाने की दिशा में भी वन विभाग उदासीन रवैया अपनाई हुई है। उरमाल के मुखिया भीम सिंह मुंडा ने बताया कि बिदरी में 24 अप्रैल की राम जंगली हाथियों ने मकान क्षतिग्रस्त किया। जिसकी सूचना वन विभाग को 25 की सुबी दी गई, लेकिन दुर्भाग्य है कि विभाग के पदाधिकारी पीड़ित की सुध लेने और क्षति का आकलन करने 26 अप्रैल तक नहीं पहुंचे।