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Electric vehicles : ई कार, बाइक, स्कूटर के बाद अब आ रहा ई-विंटेज कार, आप भी जान लें इसकी खासियत

Electric vehicles पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत के कारण बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग बूम पर है। ऐसे में आपदा को अवसर में तब्दील किया है मुंबई के इस शख्स ने। जानिए ई विंटेज कार की खासियत...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 07:15 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 09:42 AM (IST)
Electric vehicles : ई कार, बाइक, स्कूटर के बाद अब आ रहा ई-विंटेज कार, आप भी जान लें इसकी खासियत
Electric vehicles : ई कार, बाइक, स्कूटर के बाद अब आ रहा ई-विंटेज कार

जमशेदपुर, जासं। आजकल चारों ओर ई-व्हीकल का ही जलवा दिख रहा है। भारत सरकार भी इसे तरह-तरह से प्रोत्साहित कर रही है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में एक बड़ी वृद्धि देखी गई है। टाटा मोटर्स का नेक्सन पहले से ही बाजार में धमाल मचा रहा है, तो ओला स्कूटर की डिमांड इतनी है कि वह ग्राहकों को धैर्य रखने के लिए कह रही है। अब सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे सच्चिदानंद उपाध्याय ई-विंटेज कार भी सड़क पर उतारने जा रहे हैं।

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ईवी बैंडवैगन की उम्मीद जगाने वाली एक कंपनी लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज है, जिसे सच्चिदानंद उपाध्याय ने 1998 में शुरू किया था। मुंबई स्थित कंपनी स्वास्थ्य, फार्मा और ऊर्जा उत्पादों जैसे एलईडी बल्ब, सोलर स्ट्रीट लैंप समेत कई उत्पादों के लिए जानी जाती है। भारत सरकार के साथ काम करते हुए लॉर्ड्स मार्क ने अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में सोलर स्ट्रीट लाइट का निर्माण और वितरण किया है। इस कंपनी ने आइएनएस विक्रमादित्य जैसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर भी सोलर लाइट लगाई।

बैटरी बनाते-बनाते ईवी बूम की सवारी का आया ख्याल

2019 से पहले लॉर्ड्स मार्क एक बैटरी स्टोरेज सिस्टम (बीएसएस) विकसित कर रहा था, जिसका उपयोग ग्रिड से ऊर्जा को स्टोर करने और जब भी आवश्यक हो, विशेष रूप से बिजली कटौती जैसी स्थितियों में वापस आपूर्ति करने के लिए किया जा सकता है। सच्चिदानंद कहते हैं कि बीएसएस के विकास के दौरान ही उन्हें ईवी अंतरिक्ष का पता लगाने का विचार आया। मैं पूरे यूरोप में यात्रा कर रहा था और प्रदर्शनियों का दौरा कर रहा था। इस दौरान महसूस किया कि ईवी आने वाली दुनिया के लिए बड़ी महत्वपूर्ण चीज होगी। भारत सरकार भी इसके प्रति गंभीर व प्रतिबद्ध है, लिहाजा कोई परेशानी नहीं होगी। बस यही सोचकर इसमें जुट गया।

फरवरी 2020 में शुरू किया ई-व्हीकल का काम

जब इसकी गहराई में गया तो पता चला कि इसके उपकरण व कल-पुर्जे तैयार करना बहुत कठिन नहीं है। कंपनी ने 2019 में दादरा एंड नागर हवेली स्थित सिलवासा की अपनी इकाई में आरएंडडी शुरू किया, जिसने अपने ईवी वर्टिकल लॉर्ड्स ऑटोमोटिव के लिए आधार तैयार किया।

कंपनी ने इस वर्टिकल पर काम करने के लिए टेक्नोक्रेट, आइआइटी के पूर्व छात्रों और अन्य को काम पर रखा। कंपनी ने सबसे पहले ई-स्कूटर की एक श्रृंखला लांच की, जो 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी। इसे जीपीएस से लैस किया। इसके बेस मॉडल में लेड-एसिड बैटरी पैक लगाई, जबकि ली मॉडल में लिथियम-आयन बैटरी पैक का इस्तेमाल किया गया।

बैटरी के बाद ईवी चार्जिंग स्टेशन भी बनाने का लक्ष्य

ईवी में लॉर्ड्स मार्क का प्रवेश केवल वाहनों तक ही सीमित नहीं है। यह लेड-एसिड और लिथियम आयरन फॉस्फेट के बैटरी पैक भी बनाती है। कंपनी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक ईवी चार्जिंग स्टेशन भी लांच करेगी।

2026 तक 47 अरब डॉलर होगा ईवी का बाजार

प्रदूषण में कमी से लेकर लंबी उम्र होने की वजह से इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल तक भारतीय ईवी बाजार पांच अरब डॉलर तक था, जो 2026 तक 47 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसका बाजार 44 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है।

29 सितंबर को जमशेदपुर आए भारी उद्योग मंत्री ने कहा था कि इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बैटरी बनाने के लिए जो भी निर्माता आएंगे, केंद्र सरकार उन्हें हरसंभव मदद करने को तैयार है।

बड़े व्यवसायों के लिए स्टार्टअप कंपनियां इसका लाभ उठाने के लिए ईवी सेगमेंट को पूरा करने के लिए दौड़ रही हैं। इस सितंबर में ओला इलेक्ट्रिक ने दो दिनों में अपने एस1 इलेक्ट्रिक स्कूटर के 1,100 करोड़ रुपये की बिक्री की। ई-कॉमर्स प्रमुख अमेजन ने कार्बन फुटप्रिंट कम करने में योगदान करने के लिए ई-मोबिलिटी पहल की भी घोषणा की। एथर एनर्जी, ओकिनावा, हीरो इलेक्ट्रिक, टाटा मोटर्स जैसे खिलाड़ियों ने भी इस क्षेत्र में जोरदार शुरुआत की है।

लागत में कमी ईवी उद्योग को दे रहा टॉनिक

सच्चिदानंद उपाध्याय कहते हैं कि लागत में कमी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार के लिए टॉनिक का काम किया है। कोरोना की वजह से लॉर्ड्स मार्क की गतिविधियां भी बाधित हो गई थीं।

कारोबार धीमा कर दिया था। खासकर मार्च और सितंबर 2020 के बीच। जब हमने ई-स्कूटर लांच किया था, तो उसकी कीमत 60,000 रुपये थी। आज लागत 80,000 रुपये हो गई है। अभी भारत चीन और ताइवान से इसके अधिकतर उपकरण व कल-पुर्जे आयात कर रहा है। भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों का स्वतंत्र रूप से निर्माण शुरू करने में कम से कम दो साल लगेंगे।

देश भर में 180 वितरक ने बेचे 5000 ई-स्कूटर

लार्ड्स मार्क कंपनी ने अक्टूबर 2020 में अपना ई-स्कूटर लांच किया था। इसके देश भर में लगभग 180 वितरक हैं, जो अब तक 5,000 ई-स्कूटर बेच चुके हैं। इस साल की शुरुआत में उसने अहमदाबाद स्थित देवम इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया, जो ई-रिक्शा बनाती है।

कंपनी लखनऊ स्थित एक अन्य ई-रिक्शा निर्माता में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए भी बातचीत कर रही है। इससे हमें देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से पर कब्जा करने में मदद मिलेगी, क्योंकि लखनऊ केंद्र में स्थित है। कंपनी ओईएम के साथ साझेदारी करने के लिए भी तैयार है। लॉर्ड्स मार्क की योजना अधिक गति वाले स्कूटर, ई-बाइक, ई-रिक्शा और यहां तक ​​कि ई-विंटेज कारों लांच करने की है।

ई-विंटेज कारें एक शानदार रेंज होंगी, जिसे उन्होंने दिल्ली, चंडीगढ़ और लखनऊ जैसे शहरों में होटलों और रिसॉर्ट्स में लगाने की योजना बनाई है।


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