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भारत में पहलीबार इस रेलखंड पर दौड़ी थी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन,जानिए

राजखरसावां - डांगुवापोसी रेलखंड भारत में पहला और एशिया में दूसरा ऐसा रेलखंड है जिसपर 1959 में पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन दौड़ी थी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 07:18 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 07:18 PM (IST)
भारत में पहलीबार इस रेलखंड पर दौड़ी थी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन,जानिए
भारत में पहलीबार इस रेलखंड पर दौड़ी थी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन,जानिए

जमशेदपुर, जेएनएन। आपको पता है कि भारत में पहलीबार किस रेलखंड पर पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन दौड़ी थी। यह रेलखंड भारत में पहला और एशिया में दूसरा रेलखंड है जिसपर पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन दौड़ी थी। इस रेलखंड का तब भी कारोबार के लिहाज से उतना ही महत्व था जितना आज है। इस रेलखंड के इलेक्ट्रिि‍फकेशन के 60 वर्ष 15 दिसंबर को पूरे होने को हैं। इस मौके को यादगार बनाने की पूरी तैयारी है।

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यह रेलखंड है झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल का राजखरसावां - डांगुवापोसी रेलखंड। यह भारत में पहला और एशिया में दूसरा ऐसा रेलखंड है जहां 1959 में 25 केवी एसी ट्रेक्सन विद्युतीकरण के द्वारा पहली ट्रेन चलाई गई थी। 15 दिसंबर को इस यादगार उपब्धियों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय रेल स्वर्ण जयंती समारोह मना रहा है। स्वर्ण जयंती समारोह का उदघाटन दक्षिण-पूर्व रेलवे के जनरल मैनेजर पूर्णेदु एस मिश्रा करेंगे।  जयंती के उपलक्ष्य में जीएम चक्रधरपुर, राजखरसावां, चाईबासा, केंदपोसी, डांगुवापोसी एवं टाटानगर स्टेशन में  स्मृति चिन्ह स्थापित करेंगे। इस दौरान जीएम चक्रधरपुर, राजखरंसवा व डांगुवापोसी रेल खंड का निरीक्षण भी करेंगे। 

फ्रांस की कंपनी ने किया काम काम

राजसरसावां-डांगुवापोसी रेलखंड में विद्युतीकरण का कार्य फ्रांस की कंपनी एसएनएफसी ने किया था। 15 दिसंबर 1959 में भारत में पहली 25 केवी एसी ट्रेक्सन झमता वाली बीबीएम 1 श्रेणी विद्युत इंजन नंबर 20250 का परिचालन राजखरसावां से केंदपोसी स्टेशन तक किया गया था। उस वक्त 25 केवी का ट्रेक्सन सब स्टेशन(टीएसएस) केंदपोसी स्टेशन में स्थापित किया गया था।

चाईबासा में बना था मेंटेनेंस डीपो

वहीं चाईबासा में पहला ओवर हेड लाइन (ओएचई)मेनटेंनेंस डीपो बनाया गया था। 15  दिसंबर 2018  को इसके 60 वें वर्ष में प्रवेश के साथ ही भारत में क़रीब 30000 किलोमीटर विद्युत (एसी) कर्षण की सुविधा उपलब्ध हो गई। भारतीय रेल ने वर्ष 2022 तक सम्पूर्ण भारत के रेल नेटवर्क को पूरी तरह से 25 केवी एसी विद्युत कर्षण करने का लक्ष्य रखा है। रेलवे के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। 


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