ईद पर अल्लाह की बारगाह में झुके हजारों सर
शहर में ईद उल फित्र का त्योहार पूरे अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। शहर की मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों सर रब की बारगाह में झुके।
ईद का महीना कब क्या है
एक शव्वाल : ईद उल फितर
दो शव्वाल : 329 हिजरी में इमाम महदी अ. की छोटी गैबत की शुरुआत
पाच शव्वाल : सन 60 हिजरी में इमाम हुसैन के चचेरे भाई हजरत मुस्लिम बिन अकील कूफा पहुंचे।
छह शव्वाल : जंग-ए-हुनैन सन् आठ हिजरी
आठ शव्वाल : सन् 1920 ईसवी में जन्नतुल बकी में हुजूर की बेटी जनाब फातमा जहरा स. की मजार तोड़ा दिया गया।
नौ शव्वाल : सन् पाच हिजरी में जंग-ए-खंदक
15 शव्वाल : जंग-ए-ओहद सन् तीन हिजरी में
25 शव्वाल : छठे इमाम जाफर सादिक अ. की शहादत
30 शव्वाल : हुजूर सरवरे कायनात के बेटे हजरत इब्राहिम अ. की वफात सन 10 हिजरी में
-
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में ईद उल फित्र का त्योहार पूरे अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। शहर की मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों सर रब की बारगाह में झुके। शहर में ईद की नमाज सात ईदगाहों में हुई। बर्मामाइंस ईदगाह, टेल्को बारीनगर ईदगाह, जुगसलाई ईदगाह, धतकीडीह ईदगाह, आजादनगर ईदगाह, आमबगान ईदगाह और बागबेड़ा के महवारी शरीफ ईदगाह में ईद की नमाज पढ़ाई गई। मुसलमानों ने अल्लाह का सजदा कर उसकी नैमत का शुक्त्रिया अदा किया। खुतबे में पेश इमामों ने आपस में भाईचारा कायम रखने और अपने बर्ताव में नरमी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोग अल्लाह की इबादत करें और अल्लाह को राजी कर लें। अल्लाह राजी रहता है तो बलाएं टलती है।
जुगसलाई ईदगाह में हाजी मुश्ताक ने ईद की नमाज पढ़ाई। उन्होंने लोगों को भाईचारे का संदेश दिया। खतबे में हाजी मुश्ताक ने कहा कि रमजान के बाद ईद का त्यौहार आया है। इसमें युवा लाउडस्पीकर लगाकर खुराफात करने से परहेज करें। उन्होंने मुसलमानों से राष्ट्र की मुख्यधारा में रहते हुए देश सेवा पर बल दिया। हाजी मुश्ताक ने कहा कि राष्ट्रीय एकता से देश मजबूत होता है। यहा नमाज पढ़ने वालों में हाजी हिदायतुल्लाह खान, शकील आज़मी, राहत हुसैन आदि थे। धतकीडीह ईदगाह में मक्का मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती अबू हुरैरा ने पुलिस की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच नमाज पढ़ाई।
धतकीडीह मस्जिद में पेश इमाम मुफ्ती अमीरुल हसन ने ईद की नमाज पढ़ाई। उन्होंने खुतबे में अमन व इंसानियत का पैगाम दिया। कहा कि अभी नाजुक दिन चल रहे हैं। अल्लाह पाक की नाफरमानी करने से वो नाराज हो जाता है। नाफरमानों पर मुसीबत आती है। उनकी इमदाद करना हमारा फर्ज है। यहा के अलावा जाकिर नगर की शिया जामा मस्जिद मस्जिद-ए-जाफरिया में मौलाना सै. मोहम्मद हसन ने ईद की नमाज पढाई।
-
रमजान जैसे गुजारें आम दिन : मो. हसन
मानगो की जाकिर नगर शिया जामा मस्जिद में पेश इमाम मौलाना मोहम्मद हसन ने ईद की नमाज पढ़ाई। उन्होंने खुतबे में कहा कि ईद उनकी है जिन्होंने तीस दिन रोजे रखे। जिन्होंने रोजा नहीं रखा उनके लिए यह अफसोस का दिन है। वह सोचें कि वह अल्लाह के इस महीने में भी अपने खालिक की इबादत से क्यों दूर रहे और आइंदा साल रोजे रखें। यही नहीं, यह ट्रेनिंग का महीना था। इसलिए आम दिनों में भी अल्लाह की इबादत करें और खुद को गलत बातों से बचाएं।
---
ईदगाह मैदान में उठाया मेले का लुत्फ
ईद की नमाज के बाद दोपहर में मानगो के ईदगाह मैदान में मेला लगा। इस मेले में आकर लोगों ने खूब लुत्फ उठाया। नौनिहालों ने तरह-तरह के झूले का आनंद उठाया। मेले में भारी तादाद में औरतें और बच्चे आए थे। यह मेला हर साल ईद के मौके पर लगता है।
--
देर रात तक चला दावतों का सिलसिला
ईद की नमाज के बाद लोगों का एक दूसरे के घरों में जाकर दावतें उड़ाने का सिलसिला देर रात तक चला। लोगों ने सेंवईं व लच्छों का लुत्फ लिया। चिकन व मटन भी खाने की मेज के जीनत बने। दूसरे पहर महिलाएं भी एक दूसरे के घर गईं और सेवइया खाईं।
---
चिकन व मटन के दामों में उछाल ईद को लेकर चिकन और मटन की कीमत में आसमान पर पहुंच गई। मटन 700 रुपये प्रति किलो और चिकन 200 रुपये प्रति किलो बिका। इसके बाद भी मटन और चिकन की दुकानों पर खूब भीड़ रही। कीमत को लेकर लोग मानगो से धतकीडीह तक एक दुकान से दूसरी दुकान टहलते रहे। लेकिन उन्हें इससे कम कीमत पर मटन चिकन नसीब नहीं हुआ।
----
नौजवानों ने किया खूब सैर सपाटा ईद पर नौजवानों ने खूब मौज मस्ती की। नौजवानों ने जुबिली पार्क समेत अन्य पार्क जाकर सैर सपाटा किया। जुबिली पार्क में वाटर पार्क का मजा लिया। गली मोहल्ले को भी सजाया गया था।