शहर में खुशी के साथ मनाया गया ईद का त्यौहार
लौहनगरी में ईद का त्यौहार पूरे अकीदत और एहतेराम के साथ मनाया गया। सोमवार की सुबह-सुबह सभी मस्जिदों में शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए ईद की नमाज अदा की गई। जिला प्रशासन ने मस्जिदों में पेश इमाम मस्जिद और मस्जिद कमेटी के लोगों को मिलाकर कुल 5 लोगों के नमाज पढ़ने की इजाजत दे रखी थी। इन्ही पांच लोगों ने शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए दूर-दूर बैठकर ईद की नमाज अदा की और अल्लाह का शुक्र अदा किया। शहर के साकची धतकीडीह मानगो शास्त्री नगर जुगसलाई आदि सभी मस्जिदों में नमाज अदा की। इसके अलावा अवाम ने अपने अपने घरों में ईद की जगह चाश की नमाज पढ़ी और ईद के इस त्यौहार पर अल्लाह का सजदा किया। रमजान के रोजे खत्म होने के बाद अल्लाह पाक ने लोगों को ईद की खुशी मनाने का हुक्म दिया है। इसी के तहत ईद का पर्व मनाया जाता है। सोमवार को लोगों ने ईद पर अपने परिवार के साथ ही खुशियां बिखेरीं। इस बार उलेमा ने लोगों से नए कपड़े ना पहने और सादगी से ईद मनाने की अपील की थी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर: लौहनगरी में ईद का त्यौहार पूरे अकीदत और एहतेराम के साथ मनाया गया। सोमवार की सुबह-सुबह सभी मस्जिदों में शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए ईद की नमाज अदा की गई। जिला प्रशासन ने मस्जिदों में पेश इमाम मस्जिद और मस्जिद कमेटी के लोगों को मिलाकर कुल 5 लोगों के नमाज पढ़ने की इजाजत दे रखी थी। इन्ही पांच लोगों ने शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए दूर-दूर बैठकर ईद की नमाज अदा की और अल्लाह का शुक्र अदा किया।
शहर के साकची, धतकीडीह, मानगो, शास्त्री नगर, जुगसलाई आदि सभी मस्जिदों में नमाज अदा की। इसके अलावा अवाम ने अपने अपने घरों में ईद की जगह चाश की नमाज पढ़ी और ईद के इस त्यौहार पर अल्लाह का सजदा किया।
रमजान के रोजे खत्म होने के बाद अल्लाह पाक ने लोगों को ईद की खुशी मनाने का हुक्म दिया है। इसी के तहत ईद का पर्व मनाया जाता है। सोमवार को लोगों ने ईद पर अपने परिवार के साथ ही खुशियां बिखेरीं। इस बार उलेमा ने लोगों से नए कपड़े ना पहने और सादगी से ईद मनाने की अपील की थी। इसका काफी असर रहा। लेकिन फिर भी कुछ लोगों ने नए कपड़े सिलवाए और पहने। इत्र लगाया। घरों में सेवइयां बनाई गईं। लोगों ने परिवार के साथ नमाज अदा की। इसके बाद खाने पीने का दौर चला। घरों में ही लोगों ने पहले सेवईं खाई। इसके बाद साथ बैठकर दोपहर का खाना खाया। यह पहली ईद है, जब परिवार के सभी सदस्य दिन भर साथ साथ रहे। क्योंकि हर साल ईद पर घर के मर्द नमाज पढ़ने बाहर निकल जाते थे। इसके बाद दोस्तों के यहां खाने-पीने का दौर देर रात तक चलता था। लेकिन इस बार पूरे परिवार ने एकजुट होकर ईद की खुशियां बांटी।
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वीडियो कॉलिग से दी विदेश में मौजूद रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद
यही नहीं दोस्तों से मोबाइल फोन के जरिए ईद मुबारक देने का सिलसिला चला। शहर में ही नहीं दूसरे राज्यों और दूसरे देशों में रह रहे लोगों को भी फोन पर ईद मुबारक कहा गया। जो दोस्त और रिश्तेदार दूसरे शहरों और विदेशों में हैं उनसे वीडियो कॉलिग के जरिए भी एक दूसरे से बात हुई। मुबारकबाद देने का सिलसिला देर रात तक चला।