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बंदी और मंदी से चरमराई कोल्हान की अर्थव्यवस्था, हर रोज 1000 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित

लगातार ब्लॉक क्लोजर और 25 कंपनियों के बंद होने से कारोबार ठप हो गया है। बंदी और मंदी से कोल्हान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 02:06 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 02:06 PM (IST)
बंदी और मंदी से चरमराई कोल्हान की अर्थव्यवस्था, हर रोज 1000 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित
बंदी और मंदी से चरमराई कोल्हान की अर्थव्यवस्था, हर रोज 1000 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित

 जमशेदपुर,विश्वजीत भट्ट। ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी, एक अगस्त से एक साथ 25 कंपनियों की बंदी और टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर के कारण कोल्हान प्रमंडल की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। उद्यमी संगठनों के अनुमान के मुताबिक हर रोज लगभग 1000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो रहा है और अभी यह आगे भी होगा। 

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आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र सहित कोल्हान की लगभग 850 कंपनियों में उत्पादन न के बराबर है। दूसरी ओर बढ़ी बिजली दर के कारण फर्नेस व आर्क फर्नेस कंपनियों पर ताले लग जाने के कारण लगभग 325 करोड़ रुपये राजस्व की चपत लगी है। ब्लॉक क्लोजर और मंदी के कारण पूरे कोल्हान में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 1200 कंपनियों में से 70 फीसद कंपनियां सीधे-सीधे टाटा मोटर्स पर निर्भर हैं।

बंद हो जाती 70 फीसद कंपनियां

जैसे ही कुछ ही दिनों के लिए भी टाटा मोटर्स में ब्लाक क्लोजर होता है, औद्योगिक क्षेत्र की ये 70 फीसद कंपनियां ठप हो जाती हैं। कंपनियों की पूंजी पर बैंक लोन का ब्याज बंद नहीं होता। बिना काम के कर्मचारियों को वेतन देने की अनिवार्यता। कामगारों को भगा भी नहीं सकते क्योंकि फिर कुशल कामगार मिलेंगे भी नहीं। ऑर्डर न मिलने के कारण आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कई कंपनियां घाटे में आ गई हैं। कंपनियों के सामने अस्तित्व बचाने का संकट है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार ही कुछ कर सकती है।

फर्नेस व आर्क फर्नेस कंपनियों की बंदी से भारी नुकसान

कोल्हान की 25 फर्नेस और आर्क फर्नेस कंपनियों ने एक अगस्त से ताले लटका लिए हैं। इससे सालाना लगभग दो हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा। इसके साथ ही सरकार को सालाना मिलने वाले लगभग 100 करोड़ रुपये जीएसटी का भी नुकसान होगा। इन कंपनियों के बंद होने से लगभग 25 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं।

ये कहते उद्यमी

ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी के कारण टाटा मोटर्स में जून से ही शुरू हुई क्लोजर की श्रृंखला ने आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कमर तोड़ दी है। उत्पादन न के बराबर हो रहा है। चारों ओर सन्नाटा है कई कंपनियां एनपीए में चली गई हैं।

-अशोक भालोटिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

सरकार दो-चार महत्वपूर्ण कदम उठाकर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के ऑटोमोबाइल उत्पादों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध करा सकती है। इससे टाटा मोटर्स पर निर्भरता तो कम होगी ही, क्षेत्र और उद्यमियों के दिन भी बहुरेंगे।

-सुधीर कुमार सिंह, सचिव, एसिया

मंदी और ब्लॉक क्लोजर का कोल्हान के बाजारों पर भी बहुत गहरा असर है। कपड़ा, गहना, मिठाई और राशन से लेकर बाजार का हर सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित है। यदि ऐसा ही रहा तो दुर्गा पूजा बहुत ही फीका रहने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

-विजय आनंद मूनका, महासचिव, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

सरकार, टाटा मोटर्स प्रबंधन को यह आदेश दे कि वह स्थानीय कंपनियों से ही माल खरीदे। अधिकतर कंपनियां टाटा मोटर्स पर ही निर्भर है। साथ ही राज्य सरकार इंडक्शन फर्नेस कंपनियों को बिजली में सब्सिडी दे।

-अशोक भालोटिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चैंबर

हाल में टाटा मोटर्स में ब्लाक क्लोजर

  • जून में 25 से 29
  • जुलाई में 20, 24 व 27
  • अगस्त में 1, 2, 3 4 (रविवार साप्ताहिक अवकाश)
  • पहले भी लग चुका है 15 हजार करोड़ का धक्का
  • 1992 में मंदी के कारण छह महीने काम ठप
  • 2004-05 में दो महीने तक काम आधा
  • 2009 में टैक्स स्लैब को ले असमंजस छह माह नहीं हुआ उत्पादन
  • 2011 में मांग घटने से दो महीना उत्पादन न के बराबर
  • आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी होने के बाद छह माह उत्पादन प्रभावित
  • इससे कुल 15 हजार करोड़ का धक्का लग चुका है

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