Move to Jagran APP

Navaratra 2020: 58 साल के इतिहास में पहली बार बगैर प्रतिमा की होगी दुर्गा पूजा

Navaratra 2020 लौहनगरी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बेल्डीह कालीबाड़ी में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण शारदीय नवरात्रि पर प्रतिमा नहीं सिर्फ कलश पर ही देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाएगी। यह मंदिर जमशेदपुर में बहुत प्रसिद्ध्‍ध है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:51 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:35 PM (IST)
Navaratra 2020:  58 साल के इतिहास में पहली बार बगैर प्रतिमा की होगी दुर्गा पूजा
जमशेदपुर के इस मंदिर में 1962 से हो रही देवी दुर्गा की मूर्ति पूजा।

जमशेदपुर,दिलीप कुमार। लौहनगरी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बेल्डीह कालीबाड़ी में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण शारदीय नवरात्रि पर प्रतिमा नहीं सिर्फ कलश पर ही देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाएगी। पिछले 58 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि कालीबाड़ी में बगैर प्रतिमा के दुर्गा पूजा संपन्न हाेगी। मंदिर के प्रमुख मोनू भट्टाचार्य ने बताया कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि के पहले दिन परंपरा के अनुसार रीति-रिवाज से देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए कलश स्थापना किया गया। शनिवार रहने के कारण परंपरा के मुताबिक मंदिर में कुछ श्रद्धालु देवी दर्शन-पूजन को पहुंचे थे। नवरात्र के कलश पूजा में बाहर के किसी भी श्रद्धालु को शामिल नहीं कराया जा रहा है। मंदिर के पुजारी ही पूजा संपन्न करा रहे है। इसमें पहले दिन जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो शामिल हुए।

loksabha election banner

 1962 से हो रही देवी दुर्गा की मूर्ति पूजा

 1932 में निर्मित बेलडीह कालीबाड़ी में वर्ष 1962 से देवी दुर्गा की मूर्ति पूजा की जा रही है। इस दौरान ऐसा कभी नहीं हुआ कि दुर्गा पूजा के दौरान मंदिर में प्रतिमा न बनी हो। शारदीय नवरात्रि के दौरान यहां पहले दिन प्रतिपदा पर कलश स्थापित कर देवी दुर्गा की आराधना शुरू की जाती है। बेल्डीह कालीबाड़ी में पहले 18 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जाता था। पिछले वर्ष मंदिर में 11 फुट की दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई थी। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण मंदिर में देवी दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण नहीं कराया जा रहा है।

 बंगाल से आते मूर्तिकार

 बेल्डीह कालीबाड़ी में देवी दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए पश्चिम बंगाल के कोलाघाट से मूर्तिकार आते हैं। यहां रथ यात्रा के बाद से ही प्रतिमा निर्माण का काम प्रारंभ कर दिया जाता था। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण ना मूर्तिकार शहर आए और ना रथ यात्रा से प्रतिमा निर्माण का काम प्रारंभ हुआ।

न होगी सजावट, न कार्यक्रम

 दुर्गोत्सव के दौरान बेल्डीह कालीबाड़ी में इस वर्ष ना किसी प्रकार की साज-सज्जा की जाएगी और ना कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सरकारी गाइडलाइन के तहत इस वर्ष भोग का वितरण भी नहीं किया जाएगा। पहले दुर्गा पूजा के दौरान तीन दिनों का सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ प्रतिदिन भोग का वितरण किया जाता था। मोनू भट्टाचार्य ने बताया कि इस वर्ष देवी दुर्गा की पूजा सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत ही की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.