गोविंदपुर एलिवेटेड कोरीडोर का निर्माण फिर लटका
छोटा गोविंदपुर में जिस फोरलेन और एलिवेटेड कोरीडोर को लेकर लंबे समय से काम चल रहा था। सैकड़ों घरों को आनन-फानन में बुलडोजर लगाकर ढहा दिया गया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : छोटा गोविंदपुर में जिस फोरलेन और एलिवेटेड कोरीडोर को लेकर लंबे समय से काम चल रहा था। सैकड़ों घरों को आनन-फानन में बुलडोजर लगाकर ढहा दिया गया। इसकी वजह से गोविंदपुर की सड़क चलने लायक नहीं बची, उसका निर्माण कार्य एक बार फिर लटक गया। झारखंड विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से उस परामर्शी समिति का चयन टल गया, जो छोटा गोविंदपुर फोरलेन, एलिवेटेड कोरीडोर, केबुल स्पेप्ड ब्रिज के साथ अन्ना चौक से बाइपास रोड का मार्ग प्रशस्त करती।
चुनावी अधिसूचना से कोल्हान में करोड़ों रुपये की निर्माण योजनाएं लटक गई हैं, जिनके धरातल पर उतरने का इंतजार किया जा रहा था। लटकने वाली पथ निर्माण विभाग की एक और योजना फंस गई है, जिसमें मुसाबनी से डुमरिया होते हुए ओडिशा सीमा तक जाने वाली जर्जर सड़क की मरम्मत होनी थी।
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1.32 अरब की विद्युत योजना भी फंसी : विद्युत विभाग की ओर से संपूर्ण बिजली आच्छादित योजना के दूसरे चरण में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां में 1.32 अरब की योजना भी फंस गई है। इसके माध्यम से विद्युत सुविधा से वंचित घरों, मोहल्लों के अलावा कृषि संबंधी कार्यो के अलावा उद्योगों तक बिजली पहुंचाना था। जमशेदपुर व चाईबासा में बिलिंग एजेंसी का भी तीन वर्ष के लिए चयन किया जाना था। इस योजना से विभाग को 40 लाख रुपये मिलने की संभावना थी।
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पेयजल-सिंचाई योजना भी लटकी : चुनावी अधिसूचना से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की वह महत्वाकांक्षी योजना भी लटक गई, जिससे लुआबासा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को उतारना था। 775.98 लाख की इस योजना का प्राक्कलन तैयार हो चुका है। सिंचाई परियोजना में सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के तहत बहरागोड़ा क्षेत्र में 1.19 करोड़ से जल वितरण प्रणाली के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण होना था।