कार हो या बाइक, वाहन चलाना होगा महंगा, जाने क्या है वजह
ऑटो एक्सपर्ट अजय राव का कहना है कि इथेनॉल मिले पेट्रोल के इस्तेमाल से इंजन की एफिशिएंसी और उसके प्रदर्शन पर 3.5 से 5 प्रतिशत तक गिरावट आएगी। इसका मतलब है कि इथेनॉल युक्त पेट्रोल से वाहनों का आउटपुट कम होगा बल्कि इंजन प्रति किलोमीटर ईंधन का इस्तेमाल ज्यादा करेगा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। देश में पेट्रोल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई राज्यों में तो कीमत 100 रुपये से पार हो चुकी है। महंगाई की मार आम जनता पर बढ़ती ही जा रही है लेकिन पेट्रोल को लेकर केंद्र सरकार कुछ ऐसा कर रही है जिससे भविष्य में कार और बाइक सहित सभी तरह के वाहन चलाना महंगा पड़ सकता है। जानते हैं क्या है इसकी वजह
केंद्र सरकार पेट्रोल का विकल्प तलाशने पर विचार कर रही है। ऐसे में केंद्र सरकार पेट्रोल में इथेनॉल मिला रही है। वर्तमान में प्रति लीटर पेट्रोल में 8.5 प्रतिशत इथेनॉल होता है जिसे वर्ष 2025 तक बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार पेट्रोल में इथेनॉल मिलाकर वाहनों से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्लानिंग कर रही है। वर्ष 2022 तक पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा को बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की योजना है।
इथेनॉल की वजह इंजन पर क्या होगा असर
जमशेदपुर के ऑटो एक्सपर्ट अजय राव का कहना है कि इथेनॉल मिले पेट्रोल के इस्तेमाल से इंजन की एफिशिएंसी और उसके प्रदर्शन पर 3.5 से 5 प्रतिशत तक गिरावट आएगी। इसका मतलब है कि इथेनॉल युक्त पेट्रोल से वाहनों का आउटपुट कम होगा बल्कि इंजन प्रति किलोमीटर ईंधन का इस्तेमाल ज्यादा करेगा। अजय का कहना है कि इंजन की फ्यूल एफिशिएंसी कम हो जाएगी। जो वाहन मालिकों के लिए चिंता का विषय रहेगा। उदाहरण के लिए कोई कार एक लीटर पेट्रोल में 25 किलोमीटर सफर तय करती थी। इथेनॉल युक्त पेट्रोल से वह 23.5 से 24 किलोमीटर का ही माइलेज देगी। ऐसे में लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह महंगा होगा। जैसे-जैसे पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे इंजन की एफिशिएंसी भी घटती जाएगी।
इथेनॉल युक्त पेट्रोल की एक और है समस्या
आपको बता दें कि इथेनॉल युक्त पेट्रोल की एक और समस्या हीडोस्कोपिक भी है। मतलब इथेनॉल वातावरण से नमी को अवशोषित करता है। अक्सर आपने देखा होगा कि वाहन मालिक पेट्रोल की टंकी में पानी होने की शिकायत करते हैं या वे कहते हैं कि फलां पेट्रोल पंप से उन्हें पेट्रोल की जगह पानी दिया गया। जबकि ऐसा नहीं है। क्योंकि जब वाहन मालिक इथेनॉल युक्त पेट्रोल भराता है तो गर्मी की वजह से इथेनॉल वातावरण से नमी को अवशोषित करता है जो पानी बन जाता है। इसके कारण पेट्रोल की टंकी में पानी रहता है। इसके कारण वाहन फिज सेपरेशन का कारण बनता है जिसकी वजह से ईंधन भी बेकार हो जाता है और इससे वाहन के इंजन को भी नुकसान पहुंचाता है। लेकिन ऐसा तब होता है जब आप वाहन का उपयोग लंबे समय से नहीं कर रहे हैं। नियमित रूप से वाहन चलाने व बार-बार पेट्रोल भराने से यह समस्या नहीं होती है।