चांडिल-झाड़ग्राम वाया पटमदा रेल लाइन का सपना अधूरा
जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र और उसके आसपास के गांवों में एक बड़ी आबादी ऐसी है जिसकी पीढ़ी दर पीढ़ी गुजर गई लेकिन ट्रेन पर चढ़ना उनके लिए सपना ही रह गया।
जमशेदपुर (दिलीप कुमार)। जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र और उसके आसपास के गांवों में एक बड़ी आबादी ऐसी है जिसकी पीढ़ी दर पीढ़ी गुजर गई, लेकिन ट्रेन पर चढ़ना उनके लिए सपना ही रह गया। हालांकि मौजूदा लोकसभा सदस्य विद्युत महतो के प्रयास से बोड़ाम, पटमदा व बांदवान होते हुए चांडिल-झाड़ग्राम रेल लाइन का सर्वेक्षण हो गया। उसे मूर्त रूप दिया जाना बाकी है। साथ ही चाकुलिया से बहरागोड़ा, बड़ामारा होते हुए ओडिशा तक नई रेल लाइन बिछाने का काम भी बाकी रह गया। अब जनता को इंतजार है विकास की गति और लोगों को आवागमन में सहूलियत देने वाली दोनों योजनाओं के काम प्रारंभ होने का। विद्युत वरण महतो ने क्षेत्र में लोगों को जल्द ही रेल लाइन से जुड़ने की बात कही थी। घोषणा के बाद क्षेत्र के लोग नए-नए सपने बुनने लगे थे और चहुंओर विकास की बात होने लगी थी। लेकिन यह योजना जमीन पर अबतक नहीं उतर सकी है।
एक्सपर्ट व्यू
सभी पार्टियों के एजेंडे में होना चाहिए यह प्रोजेक्ट
चांडिल-झाड़ग्राम वाया पटमदा रेललाइन के बिछ जाने से टाटानगर से झाड़ग्राम की दूरी आधी हो जाएगी। दूसरी बड़ी बात कि पटमदा समेत दर्जनों पिछड़े गांवों की आर्थिक स्थिति चार गुना सुदृढ़ हो जाएगी। अभी यहां के लोग मालवाहन में लदकर जमशेदपुर आते हैं, इससे निजात मिल जाएगी। सांसद ने एक कदम पहल तो कर दी है, इसके आगे बढ़ाने की दरकार है। चुनाव में कोई भी जीते या हारे, कम से कम इस प्रोजेक्ट को अपने एजेंडे में जरूर रखे। राजनीतिक दल अगर सक्रियता दिखाते रहे तो आने वाले समय में यह रेल लाइन जरूर बिछ जाएगी।
बीएन दीक्षित, अध्यक्ष, छोटानागपुर पैसेंजर्स एसोसिएशन
नई रेल लाइन की मांग कई बार संसद में कर चुका हूं : महतो
विद्युत वरण महतो ने कहा कि नई रेल लाइन के विस्तार करने की मांग कई बार संसद में कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के समय से उठने वाली जनता की इस बहुप्रतीक्षित मांग को अमलीजामा पहनाने का काम किया है। नई रेल लाइन बिछाने के लिए दक्षिण-पूर्व रेलवे प्रशासन ने रेलवे बोर्ड को रेलवे इंजीनियरिंग सह यातायात सर्वेक्षण कर 1844 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है। इसके पूर्व 130.05 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना का सर्वे भी हो चुका है। उक्त रूट पर रेल लाइन बिछाने को लेकर बोर्ड के दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए दिसंबर 2018 में दपू रेल के महाप्रबंधक ने बोर्ड को विस्तृत रिपोर्ट के साथ प्रस्ताव भेजा है। रेलवे बोर्ड से प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने पर रेल लाइन बिछाने का काम शुरू होगा।
पिछले पांच साल में संसदीय क्षेत्र में रेल से जुड़ीं उपलब्धियां
’ जुगसलाई में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू।
’ गोविंदपुर रेलवे ओवरब्रिज, चाकुलिया रेलवे ओवरब्रिज।
’ टाटानगर-लोकमान्य तिलक टर्मिनल रेल सेवा शुरू।
’ टाटा से जयपुर तक सीधी रेल सेवा चालू।
’ टाटा वैयप्पनहली सुपर फास्ट रेल का परिचालन शुरू।
’ टाटा चाकुलिया मेमू रेल का परिचालन व टाटा बदामपहाड़ मेमू रेल सेवा शुरू।
’ चीरूगोड़ा, गोविंदपुर और सिदिरसाई हाल्ट का निर्माण।
’ टाटानगर में दुरंतो एक्स. का ठहराव।
’>>बिछ जाएगी रेल लाइन तो दर्जनों गांवों की बदल जाएगी सूरत
’ मतदाताओं को नई रेल परियोजनाओं के शुरू होने का इंतजार
’ चाकुलिया से बहरागोड़ा होते ओडिशा तक भी रेल लाइन बिछाने की योजना
पटमदा समेत आसपास के सैकड़ों गांव के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। पैसा और समय भी ज्यादा लगता है, तो कई गुणा मुसीबत उठानी पड़ती है। यह तो बनना ही चाहिए।
विनीता शाह, संयुक्त सचिव, छोटानागपुर पैसेंजर्स एसोसिएशन
इस रेल लाइन की मांग हम वर्षो से कर रहे हैं। खुशी की बात है कि इसमें सांसद विद्युत वरण महतो ने बड़ी तत्परता से कदम उठाया। जब इस रूट से ट्रेन चलने लगेगी, तो कई फायदे होंगे।
भारत भूषण, आजीवन सदस्य, छोटानागपुर पैसेंजर्स एसोसिएशन
इस रेल लाइन के बन जाने से पूर्वी सिंहभूम के साथ कई इलाकों का चहुंमुखी विकास होगा। जमशेदपुर समेत आसपास के व्यापारियों को भी काफी फायदा होगा। आम लोगों के लिए रेल आज भी सबसे सस्ती सवारी है।
श्रवण काबरा, अध्यक्ष, राजस्थान सेवा सदन
पटमदा क्षेत्र से भारी मात्र में यहां सब्जी आती है, तो काफी संख्या में मजदूर भी आते हैं। उन्हें ज्यादा पैसा खर्च करने के बाद भी जोखिम उठाना पड़ता है। इससे दोनों क्षेत्र का विकास होगा।
सत्यनारायण अग्रवाल, सचिव, सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री
करोड़ का प्रस्ताव दिया है दक्षिण-पूर्व रेलवे प्रशासन ने
किलोमीटर लंबी है रेल परियोजना
में दक्षिण-पूर्व रेलवे प्रशासन ने बोर्ड को भेजा था प्रस्ताव