टायो पर बताई 267 करोड़ की देनदारी, कर्मचारी बोले फर्जी
टायो रोल्स के लिए प्रतिनियुक्त अंतरिम रिज्युलेशन प्रोफेशनल (आइआरसी) ने नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता बेंच में सात देनदारों की पहली देनदारी रिपोर्ट जमा की।
जमशेदपुर,जागरण संवाददाता। टायो रोल्स के लिए प्रतिनियुक्त अंतरिम रिज्युलेशन प्रोफेशनल (आइआरसी) ने नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता बेंच में सात देनदारों की पहली देनदारी रिपोर्ट जमा की। झारखंड बिजली वितरण निगम व सेल्स टैक्स जमशेदपुर की देनदारी को छोड़कर टायो संघर्ष समिति ने सात में से पांच देनदारों को फर्जी करार दिया।
टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई, टायो रोल्स का मामला एनसीएलटी में केस संख्या सीपी/केबी 701/2017 विचाराधीन है। एनसीएलटी द्वारा प्रतिनियुक्त आइआरसी विनीता अग्रवाल ने कोर्ट में देनदारों की पहली सूची जमा की। टायो संघर्ष समिति की ओर से अजय कुमार शर्मा ने कर्मचारियों की ओर से कोर्ट में जिरह की। अजय ने दावा किया कि उन्होंने कोर्ट को बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के बैलेंस सीट में टायो रोल्स की अब कोई देनदारी नहीं है, इसका उल्लेख किया था। टायो रोल्स प्रबंधन ने फरवरी 2016 के बाद से किसी भी लेनदार को पैसा नहीं दिया है। इसके बावजूद तीन वर्षो से ज्यादा समय बीतने के बाद फिर से नए फर्जी लेनदार खड़े हो गए। लेकिन नियमों के तहत डेड क्लेम के तहत तीन वर्ष बीतने के बाद किसी देनदार को पैसा नहीं दिया जा सकता।
अजय ने लगाया टाटा स्टील के दबाव का आरोप
अजय ने आरोप लगाया कि आइआरसी ने नियमों को जानते हुए भी टाटा स्टील के दबाव में आकर लेनदारों की रकम को मंजूर कर लिया। जबकि आइआरसी ने सभी कर्मचारियों की लेनदारी (पीएफ व पूरा वेतन) मिलाकर 200 करोड़ रुपये का क्लेम को स्वीकार नहीं किया और कमेटी ऑफ क्रेडटर्स की बैठक में भी नहीं बुलाया। आइआरसी ने फर्जी देनदारों की बैठक बुलाई और खुद को आगे भी आगे के लिए आरआरसी प्रतिनियुक्त करने की मंजूरी प्राप्त कर ली। न्यायाधीश केआर जिनन ने मामले की सुनवाई करते हुए आइआरसी को निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों के क्लेम को स्वीकार करे।
‘फर्जी है सीओसी की कमेटी’
अजय शर्मा ने कोर्ट में दावा किया कि आइआरसी द्वारा बनाई गई कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) फर्जी है। टाटा स्टील के दबाव में नए फर्जी लेनदार खड़े हो गए हैं। कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों के शुरू से लेकर अब तक पीएफ का पैसा काटकर ट्रस्ट में रखा। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने जानकारी मांगने पर कर्मचारियों को नहीं दी और न ही आइआरसी को दी। इसलिए आइआरसी के पास क्लेम फाइल करने में देरी हुई इसलिए आइआरसी ने जानबूझ कर न ही उनका क्लेम स्वीकार किया और न ही सीओसी की बैठक में उन्हें बुलाया। अजय शर्मा ने कोर्ट से मांग की है कि टायो पर सभी कर्मचारियों की पूरी लेनदारी ब्याज के साथ वापस दिलाया जाए।
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