छह वर्ष से नहीं लगा दिव्यांगता जांच शिविर
सरकारी सिस्टम के मुताबिक छह वर्षो से चाकुलिया में दिव्यांगता जांच शिविर नहीं लगने के कारण लोगों को परेशानी हो रहा है।
पंकज मिश्रा, चाकुलिया : सरकारी सिस्टम के मुताबिक दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र आवश्यक है। लेकिन चाकुलिया में प्रखंड स्तर पर बीते करीब छह वर्षो से दिव्यांगता जांच शिविर नहीं लगाए जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के अनेक दिव्यांग प्रमाण पत्र से वंचित हैं। ऐसे दिव्यांगों के लिए करीब 100 किलोमीटर दूर जमशेदपुर जाकर सर्टीफिकेट बनवाना टेढ़ी खीर है। लिहाजा वे चाह कर भी अपने हिस्से की सुविधा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। बीते शनिवार को प्रखंड के मालकुंडी में आयोजित प्रशासनिक शिविर के दौरान अनेक ऐसे लोग पेंशन की आस में पहुंचे जो पहली नजर में ही दिव्यांग दिख रहे थे, पर उनके पास दिव्यांगता का सर्टीफिकेट नहीं था। बालीदुमा गांव निवासी दलगोविद नायक का एक हाथ एवं एक पांव अचल हो चुका है। वह बोलने में भी सक्षम नहीं है। इसके बावजूद उनके पास न तो आधार कार्ड है और नहीं दिव्यांगता का प्रमाण पत्र। इसी गांव के निवासी भरत महतो भी पैर से दिव्यांग हैं। उनके पास भी प्रमाण पत्र नहीं है। मालकुंडी गांव की ही एक दिव्यांग बालिका बाहामुनि मंडी को इसके पिता गोद में उठाकर शिविर में पहुंचे। इस संबंध में पूछने पर दिव्यांगों ने बताया कि वे खुद जमशेदपुर जाने में सक्षम नहीं है और उन्हें इतनी दूर ले जाकर दिव्यांगता जांच कराने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते वे सर्टीफिकेट नहीं बनवा पाए। समस्या के बाबत पूछने पर जिला के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने कहा कि सिविल सर्जन से बात कर जल्द ही चाकुलिया में प्रखंड स्तर पर शिविर लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
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प्रखंड स्तर पर शिविर लगाना जरूरी : गंगा नारायण
चाकुलिया प्रखंड दिव्यांग मोर्चा के अध्यक्ष गंगा नारायण दास ने कहा कि प्रखंड स्तर पर दिव्यांग जांच शिविर लगाना अति आवश्यक है। पिछले 6 वर्षों से शिविर नहीं लगाया गया है। अंतिम बार वर्ष 2014 में पुराने सरकारी अस्पताल में शिविर लगा था, जिससे अनेक लोगों को लाभ मिला था।