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Durga puja 2019 : नवरात्र पर मां दुर्गा के आगमन और गमन को लेकर अलग-अलग मत, जानिए किस पंचाग में क्या जानकारी

नवरात्र पर माता के आगमन और गमन को लेकर अलग-अलग मत सामने आए हैं। हिंदी पंचांग में हाथी पर और बांग्ला में घोड़े पर आगमन की बात कही गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 10:45 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 12:54 PM (IST)
Durga puja 2019 : नवरात्र पर मां दुर्गा के आगमन और गमन को लेकर अलग-अलग मत, जानिए किस पंचाग में क्या जानकारी
Durga puja 2019 : नवरात्र पर मां दुर्गा के आगमन और गमन को लेकर अलग-अलग मत, जानिए किस पंचाग में क्या जानकारी

जमशेदपुर, दिलीप कुमार। वैसे तो माता की सवारी शेर है, पर नवरात्रि में उनके वाहन उनके आगमन के दिनों के अनुसार बदलते रहते हैं। हर साल नवरात्रि पर मां का आगमन और प्रस्थान विशेष वाहन पर होता है। देवी दुर्गा के आने और जाने वाले हर वाहन में भविष्य के लिए विशिष्ट संकेत छिपे होते हैं। ऐसे में इस बार माता दुर्गा के आगमन व गमन को लेकर विभिन्न पंचांगों के अनुसार विद्वानों की राय अलग-अलग है।

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पंचांग में आगमन और गमन पर मतांतर

माना जाता है कि माता जिस वाहन से आती हैं उसके अनुसार वर्ष में होने वाली घटनाओं का भी आकलन किया जाता है। इस वर्ष काशी और बांग्ला पंचांग में माता के आगमन और गमन पर मतांतर हैं। काशी पंचांग माता का आगमन हाथी पर और गमन मुर्गा पर बताता है, जबकि बांग्ला पंचांग में माता का आगमन और गमन दोनों घोड़े पर ही बताया जा रहा है। इस बार रविवार से नवरात्र प्रारंभ हो रहा है। काशी पंचांग के अनुसार, इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार हो कर आएंगी और उनका प्रस्थान मुर्गा पर होगा। हाथी पर माता का आगमन से अच्छी बारिश होगी और फसल भी अच्छा होगा। वहीं मां दुर्गा का प्रस्थान मंगलवार आठ अक्टूबर दशमी को कुक्कुट यानी मुर्गा वाहन से होगा। मुर्गा पर सवार होकर माता के विदा होने से लोगों में व्याकुलता बढ़ेगी। यह स्थिति क्लेश-कारक मानी जाती है।

ये कहता बांग्ला पंचांग

बांग्ला पंचांग के अनुसार इस साल मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो रहा है। इसका अर्थ 'छत्रभंग स्तुरंगमे' बताया गया है. इससे शासन और शासकों के लिए उथल-पुथल की स्थिति और शासन परिवर्तन का योग बनता है।

शास्त्रों में मिलता है उल्लेख

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा का वाहन क्या होगा इसे लेकर शास्त्रों में श्लोक है। 'शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीत्र्तिता।' इसके अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन यदि रविवार या सोमवार हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, यदि आरंभ शनिवार और मंगलवार से हो तो माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं। वहीं गुरुवार और शुक्रवार का दिन पड़े तो माता की सवारी पालकी में आती हैं जबकि बुधवार को नवरात्रि प्रारंभ होने पर मां दुर्गा नाव में सवार होकर आती हैं। इस वर्ष नवरात्रि नौ दिन होने के चलते भक्तों के लिए बेहद शुभ साबित होने वाला है।

मिथिला में आगमन की सवारी मात्र चार

पंडित रमाकांत शास्त्री के अनुसार काशी और मिथिला पंचांग में आगमन और गमन का अलग-अलग श्लोक है, जबकि बांगला पंचांग में आने और जाने का एक ही श्लोक है। काशी और मिथिला पंचांग के अनुसार माता के आगमन की सवारी चार ही हैं, हाथी, घोड़ा, डोली और नाव। वहीं माता के गमन का इससे अलग सवारी है, मुर्गा, भैंस, मनुष्य आदि। बांग्ला पंचांग में माता के आने और जाने का सवारी बराबर है।

पंचांग में होती है काफी भिन्नताएं

पंडित तपन चक्रवर्ती बताते हैं कि बांग्ला पंचांग चांद और सूरज दोनों प्रकार के गणना पर आधारित है। एक दृग सिद्धांत और एक सूर्य सिद्धांत। बांग्ला में नवपत्रिका प्रवेश के दिन सप्तमी को आधार मानकर देवी के आगमन और गमन के वाहन का निर्धारण किया गया है। वैसे ङ्क्षहदी पंचांग और बांग्ला पंचांग में काफी भिन्नताएं होती हैं। कई गणनाओं में अनुष्ठान के समय पर अंतर देखने को मिलता है। 


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