MS Dhoni : धौनी सर की शालीनता सबसे अलग है : पिंकी तिर्की
MS Dhoni. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के रिटायरमेंट की खबर सुनकर पश्चिम सिंहभूम जिले के क्रिकेटरों में मायूसी छा गई है।
चाईबासा, जासं। MS Dhoni भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के रिटायरमेंट की खबर सुनकर पश्चिम सिंहभूम जिले के क्रिकेटरों में मायूसी छा गई है। महेंद्र सिंह धौनी जैसे प्रतिभावान क्रिकेटर की अचानक संन्यास की घोषणा खिलाड़ियों को पच नहीं रहा। विश्व विजेता टीम के कप्तान की अचानक घोषणा से उनके प्रशंसक सकते में हैं । महेंद्र सिंह धौनी कभी चाईबासा की धरती पर नहीं पहुंचे हैं , लेकिन चाईबासा के प्रतिभावान खिलाड़ी उनसे मिलकर क्रिकेट के कई गुर सीखे हैं । इसमें से एक है महिला क्रिकेट खिलाड़ी पिंकी तिर्की जो अंडर- 23 झारखंड टीम की सदस्य रह चुकी है ।
पिछले साल ही पिंकी तिर्की महेंद्र सिंह धौनी से मिली थी। याद करते हुए पिंकी ने कहा कि धौनी सर बहुत ही कूल है । वह इतनी शालीनता के साथ हमलोगों के साथ मिले और खेल के टिप्स दिए। ऐसा लगा ही नहीं कि भारतीय टीम के विश्व विजेता कप्तान के साथ बात कर रहे हैं। उनसे मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिला। खासकर इतने ऊंचे दर्जे में पहुंचकर उनका शालीन स्वभाव काफी आकर्षित किया। उन्होंने और बेहतर करने के लिए प्रेरित भी किया।
तुम्हें भूलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन
पश्चिम सिंहभूम जिला क्रिकेट संघ के महासचिव असीम कुमार सिंह कई बार माही सेमिल चुके हैं । उन दिनों को याद करते हुए असीम ने कहा कि महेंद्र सिंह धौनी जैसा प्रतिभावान खिलाड़ी शायद ही देश को मिलेगा। उनके अचानक रिटायरमेंट की खबर से हम सभी सोच में पड़ गए । उनमें क्रिकेट की इतनी क्षमता बची है कि वह और 4 से 5 साल आसानी के साथ खेल सकते हैं । धोनी को देखकर कई युवाओं ने क्रिकेट को अपनाया है। उनकी नेतृत्व क्षमता पूरे विश्व ने देखी । उनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी का हर बड़ा टूर्नामेंट अपने नाम किया । उनको क्रिकेट के मैदान में अब नहीं देखने से प्रशंसकों और खिलाड़ियों को काफी निराशा होगी । उन्होंने जो निर्णय लिया है वह बहुत सोच समझ कर ही लिया होगा, लेकिन क्रिकेट का मैदान हमेशा धौनी को मिस करता रहेगा। असीम ने कहा कि एक धौनी (सुशांत सिंह राजपूत) का गम अभी भुला भी नहीं पाए थे कि दूसरे ने एक और दुःख दे दिया। बहुत याद आओगे माही। तुम्हें भूलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में तुम्हारा नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।