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गाछे कटहल ओठे तेल, देखो एयरपोर्ट का खेल, जानिए यहां हवाई अड्डा से जुड़ी हकीकत Jamshedpur News

Dhalbhumgarh Airport Colony. भले ही झारखंड के धालभूमगढ में एयरपोर्ट निर्माण अभी दूर की कौड़ी बनी हुई है पर एयरपोर्ट के नाम पर कॉलोनी का नामकरण कर दिया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 04:17 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 04:17 PM (IST)
गाछे कटहल ओठे तेल, देखो एयरपोर्ट का खेल, जानिए यहां हवाई अड्डा से जुड़ी हकीकत Jamshedpur News
गाछे कटहल ओठे तेल, देखो एयरपोर्ट का खेल, जानिए यहां हवाई अड्डा से जुड़ी हकीकत Jamshedpur News

चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), पंकज मिश्रा।  गाछे कटहल ओठे तेल, देखो-देखो एयरपोर्ट का खेल! जी हां, पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत धालभूमगढ़ में बनने वाले एयरपोर्ट के मामले में यही बात चरितार्थ हो रही है। भले ही यहां एयरपोर्ट निर्माण अभी दूर की कौड़ी बनी हुई है पर एयरपोर्ट के नाम पर कॉलोनी का नामकरण कर दिया गया है।

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विदित हो कि गत वर्ष 24 जनवरी 2019 को प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा एवं सांसद विद्युत वरण महतो ने बड़े तामझाम के साथ धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया था। तब कहा गया था कि एयरपोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके हैं तथा बहुत जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। लेकिन 13 महीने बीतने के बावजूद एयरपोर्ट की एक ईंट तक नहीं जुड़ी सकी है। हालांकि बीते विधानसभा चुनाव के पूर्व तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने हर हाल में अक्टूबर महीने से एयरपोर्ट का काम चालू करने की घोषणा की थी, लेकिन वह घोषणा भी हवा हवाई साबित हो गई।

एलीफेंट कॉरिडोर  का पेंच

फिलहाल जो स्थिति है उसमें एयरपोर्ट का सपना साकार होना मुश्किल ही प्रतीत हो रहा है क्योंकि इस मामले में कई प्रकार के पेंच सामने आ रहे हैं। चर्चा है कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय कमेटी ने धालभूमगढ़ को एलीफेंट कॉरिडोर का क्षेत्र बताते हुए एयरपोर्ट निर्माण पर आपत्ति जताई है। वन विभाग से अभी तक क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है जिसके चलते या परियोजना अधर में लटकती नजर आ रही है। राज्य में सत्ता परिवर्तन का असर भी इस पर दिखाई पड़ रहा है। हालांकि सांसद विद्युत वरण महतो अभी भी एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर आशान्वित हैं तथा इसके लिए प्रयासरत है।

थम गई जमीन की बढ़ती हुई कीमतें 

जब धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण की चर्चा तेज हुई थी तो अचानक यहां जमीन की कीमत तेजी से बढऩे लगी थी। धालभूमगढ़ के अलावा चाकुलिया, घाटशिला एवं जमशेदपुर समेत अन्य शहरों से लोग यहां आकर जमीन ढूंढने एवं खरीदने लगे थे। लोगों को लगता था कि एयरपोर्ट बन जाने से इस इलाके का तेजी से विकास होगा और जमीन के क्षेत्र में किया गया उनका निवेश सार्थक होगा। भूमि पूजन के बात तो जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी थी। आलम यह था कि जमीन का भाव कठ्ठा एवं डिसमिल से होते हुए वर्ग फीट तक पहुंच गया था। धालभूमगढ़ से घाटशिला तथा बहरागोड़ा की तरफ एनएच के आसपास की अधिकांश भूमि तेजी से बिक रही थी। एयरपोर्ट की संभावना के मद्देनजर बाहर के लोगों ने काफी जमीन खरीदी कर प्लॉट‍िंंग भी कर ली।
अब कीमत पर बेचने को तैयार
हद तो यह रही कि एयरपोर्ट के नाम पर धालभूमगढ़ थाना से करीब 1 किलोमीटर पश्चिम एक कॉलोनी भी बसा दी गई। लेकिन जब से एयरपोर्ट निर्माण योजना पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं तब से जमीन का भाव बढऩा थम गया है। भारी मुनाफा की उम्मीद में जमीन में निवेश करने वाले कुछ लोग तो अब कम कीमत पर भी बेचने को तैयार हैं। हालांकि अभी भी अनेक लोग इस उम्मीद में है कि शायद एयरपोर्ट बने और उनका जमीन खरीदना सार्थक हो सके।
 
 

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