96 जवानों के हवाले दो लाख रेल यात्रियों की सुरक्षा
टाटानगर स्टेशन से होकर 50 जोड़ी एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं
गुरदीप राज, जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन से होकर 50 जोड़ी एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं। इन ट्रेनों से करीब दो लाख यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। कई ट्रेन तो टाटानगर स्टेशन से ही खुलती है। इनमें से मात्र आठ ट्रेनों को ही रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) की देखरेख में टाटानगर से राउरकेला व टाटानगर से गोमो तक पहुंचाया जाता है। वहीं सिर्फ गीतांजलि एक्सप्रेस में जीआरपी की गश्ती टाटानगर से राउरकेला तक जाती है। जबकि गोमो व राउरकेला तक गई टाटानगर की आरपीएफ टीम वापस दूसरी ट्रेन पकड़कर टाटानगर आ जाती है। आठ ट्रेनों में छह -छह की एस्कॉर्ट टीम होती है। अप व डाउन 16 ट्रेनों में कुल 96 एस्कॉर्ट पार्टी गश्ती करती है। इनके भरोसे करीब दो लाख लोग सफर करते हैं।
42 जोड़ी एक्सप्रेस व 19 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन में नहीं है सुरक्षा की व्यवस्था
टाटानगर स्टेशन होकर गुजरने वाली 42 जोड़ी एक्सप्रेस व सुपर फास्ट ट्रेन में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। इसके अलावा 19 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों में भी हजारों रेल यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। इन ट्रेनों में सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं। ये यात्री भगवान भरोसे ही ट्रेन में सफर करते हैं।
फोर्स की कमी होने की वजह से सभी ट्रेनों में आरपीएफ की टीम सुरक्षा प्रदान नहीं कर पा रही है। वहीं जीआरपी में भी फोर्स की कमी है। इसके कारण साल भर पहले ही जीआरपी ने ट्रेनों में स्कॉट करना बंद कर दिया है। इसका खामियाजा रेल यात्री भुगत रहे हैं। छिनतई, लूट, डकैती व चोरी की घटनाओं से रेल यात्री जूझ रहे हैं।
क्या है स्थिति सुरक्षाकर्मियों की
पोस्ट वर्तमान चाहिए
हवलदार : 20 32
सब इंस्पेक्टर : 04 60
सिपाही : 50 61
एएसआई : 04 07 हाल के दिनों में बढ़ गई वारदात
आठ सितंबर, 2017 की रात चांडिल रेल थाना क्षेत्र अंतर्गत हटिया-टाटा पैसेंजर ट्रेन में छह बदमाशों ने हथियार का भय दिखाकर डकैती की। इसके बाद ट्रेन से कूद कर फरार हो गए। छह जुलाई, 2018 की रात करीब ढाई बजे गया स्टेशन के समीप तीन महिलाओं के साथ मारपीट कर गहने व जेवरात लूट कर लुटेरे फरार हो गए। वहीं छिटपुट घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।
जीआरपी प्रभारी ने की है फोर्स की मांग
जीआरपी प्रभारी ने फोर्स के लिए रेल एसपी से मांग की है। फोर्स आने के बाद ही अब जीआरपी ट्रेन में एस्कॉर्ट करेगी। तब तक रेल यात्रियों को भगवान भरोसे ही सफर करना होगा।
ट्रेनों में एस्कॉर्ट नहीं होने से यात्री नाराज
ट्रेनों में अक्सर हो रही आपराधिक घटनाओं से यात्री नाराज हैं। यहां तक कि पुलिस के वरीय पदाधिकारी की पत्नी का भी बैग चोर उड़ा ले गए लेकिन अब तक जीआरपी चोरों को नहीं पकड़ पाई। प्रत्येक माह जीआरपी के विभिन्न थानों में दर्जन भर से ज्यादा मामले ट्रेन में चोरी व अन्य घटनाओं से जुड़े दर्ज होते हैं लेकिन जीआरपी व आरपीएफ इस पर लगाम नहीं लगा पा रही है।
ट्रेनों में चुस्त होनी चाहिए पेट्रोलिंग
रेल एसपी का सख्त निर्देश है कि ट्रेनों में पेट्रोलिंग करने वाली गश्ती पार्टी पूरी तरह से चुस्त हो। पूर्व रेल एसपी संगीता कुमारी ने ट्रेनों में सादे लिबास में पुलिसकर्मियों को तैनात रखने का निर्देश जारी किया था। लेकिन उनके इस निर्देश की भी धज्जियां उड़ गई। अब तक किसी भी ट्रेन में सादे लिबाज में पुलिसकर्मी की गश्ती नहीं हो रही है। वारदातों को रोकने के लिए प्रत्येक माह एसपी द्वारा जीआरपी व आरपीएफ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाती है। इसके बावजूद वारदातें थम नहीं रही हैं।