कोरोना के अप्रतिम योद्धा बनकर लड़े उपायुक्त रविशंकर शुक्ला Jamshedpur News
इस स्थानांतरित अधिकारी ने पब्लिक फंडिंग से एमजीएम में लगवाई 37 लाख की जांच मशीन जनसहयोग से राशन का भी किया जुगाड़ ।
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला का कार्यकाल लगभग एक वर्ष (30 जून 2019 से 14 जुलाई 2020) ही रहा, लेकिन इतनी कम अवधि में भी इन्होंने अपनी कार्यशैली से सबका दिल जीत लिया।
कोरोना की लड़ाई तो इन्होंने अप्रतिम योद्धा की तरह लड़ी। चौबीस घंटे फोन पर उपलब्ध रहना और हर मौके पर पलक झपकते पहुंच जाना, इनकी खासियत रही। लॉकडाउन में इन्होंने दिन-रात काम किया ही, गरीबों-जरूरतमंदों को राशन पहुंचाने से लेकर एमजीएम अस्पताल तक को पब्लिक फंङ्क्षडग से 37 लाख की जांच मशीन उपलब्ध कराई। इस (आरएनएक्स-96) टेस्ट मशीन में हर दिन 1000 टेस्ट की क्षमता है, जबकि इससे पहले 300-400 जांच ही हो पा रही थी।
सैनिटाइजर मशीन बनाकर गांव-गांव में कराया उपलब्ध
एनआइटी जमशेदपुर के सहयोग से रेडक्रॉस में सैनिटाइजर मशीन बनवाकर जनवितरण प्रणाली दुकान के माध्यम से गांव-गांव तक उपलब्ध करा देना छोटी बात नहीं है। लॉकडाउन के दौरान डाटा इंट्री के लिए एक्सएलआरआइ का ना केवल सहयोग लिया, बल्कि इसमें कई आइटी एक्सपर्ट ने निश्शुल्क सेवा भी दी।
पारदर्शी तरीके से कराया विधानसभा चुनाव
रविशंकर शुक्ला को लोग विधानसभा चुनाव के लिए भी याद रखेंगे। इन्होंने जिस तरह से पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से विधानसभा चुनाव कराया, उसकी तारीफ लोग आज भी करते हैं। राजनीतिज्ञों का भी कहना है कि ऐसा चुनाव पहले कभी नहीं हुआ, जिसमें उपायुक्त पर किसी ने अंगुली नहीं उठाई। उससे भी बड़ी बात कि एकाध को छोड़कर इन्हें हर अधिकारी-सहकर्मी का भरपूर सहयोग मिला।
करीम सिटी के छात्र रह चुके हैं सूरज कुमार
पूर्वी सिंहभूम के नए उपायुक्त सूरज कुमार को यहां कई मामले में आसानी होगी, तो कुछ कठिनाई भी होगी। चूंकि वे यहां अनुमंडल अधिकारी धालभूम रह चुके हैं, लिहाजा वे यहां से लगभग हर मामले में परिचित हैं। रविशंकर शुक्ला व सूरज कुमार में एक बात समान है कि दोनों करीम सिटी कालेज के छात्र रह चुके हैं। सूरज कुमार का तो घर ही जमशेदपुर से सटे गम्हरिया (सरायकेला-खरसावां जिला) में रहा है, लिहाजा यहीं उनका जन्म हुआ, तो कॉलेज स्तर तक की पढ़ाई भी यहीं हुई।
कठिनाई इस बात को लेकर हो सकती है कि हाल के वर्षों में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रहे अमित कुमार व उनके बाद रविशंकर शुक्ला ने जो मानदंड स्थापित किए हैं, जिले वासियों की उम्मीद इनसे बढ़कर होगी। हालांकि सूरज कुमार की पदस्थापना ऐसे समय में हुई है, जब कोरोना का संक्रमण एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है।