डेंगू के लिए शहरी क्षेत्र बना रेड जोन, पनप रहा लार्वा
अमित तिवारी, जमशेदपुर : शहरी क्षेत्र में रहने वाले सावधान। खासकर सोनारी व कदमा के लोगों को अधिक
अमित तिवारी, जमशेदपुर : शहरी क्षेत्र में रहने वाले सावधान। खासकर सोनारी व कदमा के लोगों को अधिक सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में इन्हीं क्षेत्रों में डेंगू के डंक का सर्वाधिक कहर है। वर्ष 2013 में मच्छरों का आंतक सर्वाधिक कदमा व सोनारी में देखने को मिला था। इसपर स्वास्थ्य विभाग ने चिंता जाहिर करते हुए जुस्को(टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई जो टाटा कमांड क्षेत्र में नागरिक सुविधाएं प्रदान करती है) को अलर्ट रहने को पत्र लिखा था। वहीं, इस बार भी अबतक मिले संदिग्ध मरीजों में इन्हीं इलाके के मरीज शामिल हैं। कदमा के तीन, साकची के दो, मानगो के दो व बागबेड़ा का एक। गंभीर बात यह है कि इसी क्षेत्र में उपायुक्त, एसएसपी, एसपी सहित टाटा स्टील के कई बड़े अधिकारियों के आवास हैं। इन क्षेत्र में साफ-सफाई की जिम्मेदारी जुस्को की है। सर्विलांस विभाग के अनुसार वर्ष 2013 में डेंगू व जापानी इंसेफ्लाइटिस के कुल 245 नमूनों की जांच हुई थी। इनमें 98 पीड़ितों में डेंगू व जापानी इंसेफ्लाइटिस की पुष्टि हुई थी। पूर्वी सिंहभूम जिले में डेंगू के 11 व जापानी इंसेफ्लाइटिस के 22 पीड़ित पाये गये थे। 50 फीसद डेंगू पीड़ित सोनारी व कदमा के रहने वाले थे। आठ सोनारी व छह कदमा के। तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. जगत भूषण प्रसाद ने डेंगू के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जुस्को को पत्र लिखकर विशेष तौर निर्देश दिया था ताकि किसी तरह की महामारी उत्पन्न नहीं हो।
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बीमारियों की रिसर्च हब रहा शहर
हर साल फैलने वाली अलग-अलग बीमारियों ने शहर को रिसर्च हब बना दिया है जिसे देखते हुए शहर में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसकी जांच-पड़ताल करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च की टीम ने वर्ष 2011 में शहर का दौरा किया था। वहीं 2012 व 2013 में स्वास्थ्य विभाग की नेशनल टीम जिले के अलग-अलग क्षेत्र में घूमकर जायजा ले चुकी है। इसके बाद से नियमित रूप से टीम दौरा करती रही है।
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हर साल पनप रही नई बीमारी
वर्ष बीमारी
2009 स्वाइन फ्लू
2010 डेंगू
2011 चिकनगुनिया
2012 जापानी इंसेफ्लाइटिस
2013 डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस
2014 जापानी इंसेफ्लाइटिस
2015 स्वाइन फ्लू, जापानी इंसेफ्लाइटिस
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डेंगू के मरीज
वर्ष मरीज
2012 44
2013 27
2014 0
2015 6
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जापानी इंसेफ्लाइटिस के मरीज
वर्ष मरीज
2012 0
2013 22
2014 47
2015 40
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मच्छर जनित बीमारियों से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग सर्तक है। लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। स्वास्थ्य कर्मचारी डोर टू डोर जाकर सर्वे कर रहे हैं ताकि लार्वा मिले तो उसे तत्काल खत्म किया जा सके।
- डॉ. साहिर पॉल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग
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