इन कंपनियों के मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की डिमांड में हुई बढ़ोतरी
हले आर्थिक मंदी उसके बाद कोविड 19 ने ऑटोमोबिल सेक्टर को भी सबसे अधिक प्रभावित किया है। लेकिन देश के लॉजिस्टिक माइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में आई तेजी से अब ऑटो सेक्टर के भारी वाणिज्यिक और मध्यम वाहनों की डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है।
जासं, जमशेदपुर : पहले आर्थिक मंदी उसके बाद कोविड 19 ने ऑटोमोबिल सेक्टर को भी सबसे अधिक प्रभावित किया है। लेकिन देश के लॉजिस्टिक, माइनिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में आई तेजी से अब ऑटो सेक्टर के भारी वाणिज्यिक और मध्यम वाहनों की डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है।
लगभग दो साल पहले इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाायनांशियल सर्विसेज की तरलता में आई नरमी के बाद मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की डिमांड बढ़ी। जबकि पिछले वर्ष इस सेक्टर में 42 प्रतिशत और कोविड 19 के कारण इस सेग्मेंट के वाहनों की बिक्री में 76 प्रतिशत की गिरावट आई।
हालांकि सिर्फ टाटा मोटर्स ही नहीं बल्कि अशोक लीलैंड लिमिटेड मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय सुधार देख रहे हैं।
अक्टूबर माह में टाटा मोटर्स ने तीन जबकि अशोक लीलैंड ने बिक्री में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की और क्रमश: 5033 व 3762 यूनिट वाहनों की बिक्री की। मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों (एमएचसीवी) में आई तेजी ऑटो सेक्टर के लिए ग्रीन सिग्नल के रूप में देखा जा रहा है जो देश की आर्थिक गतिविधियों के तेजी से आगे बढ़ने के संकेत हैं।
टाटा मोटर्स के वाइस प्रेसिडेंट (एचटीएचवी) आरटी वासन का कहना है कि लॉकडाउन के बाद देश सुधार की ओर बढ़ रहा है। पिछले कुछ माह में निर्माण, विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आई है।
उद्योग, सीमेंट और स्टील सेक्टर लगातार सुधार की ओर है इसके बाद भारी वाणिज्यिक वाहनों की डिमांड बढ़ रहा है। इसके अलावे राजमार्गो, पुल, सुरंग, बंदरगाह, सिचाई के निर्माण और कोयला और लौह अयस्क की ढुलाई में आई तेजी से मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहनों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। उम्मीद है कि अंतिम वित्तीय वर्ष में लॉकडाउन के कारण बिक्री में जो नरमी आई थी उसे पूरा कर लिया जाएगा।