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Coronavirus Lockdown Effect : अंडों की मांग 60 फीसद तक घटी, घरेलू खपत बढ़ने से दाम संतुलित

Coronavirus Lockdown. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए डॉक्टर रोज अंडा खाने की सलाह दे रहे हैं। इस वजह से घरों में सप्लाई बढ़ी है। हालांकि होटलों के बंद रहने से मांग घटी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 11:15 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 11:15 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect : अंडों की मांग 60 फीसद तक घटी, घरेलू खपत बढ़ने से दाम संतुलित
Coronavirus Lockdown Effect : अंडों की मांग 60 फीसद तक घटी, घरेलू खपत बढ़ने से दाम संतुलित

जमशेदपुर, जासं। कोरोना की आहट के साथ ही  मुर्गी और अंडे की बिक्री में जो गिरावट हुई, वह अब तक बरकरार है। जमशेदपुर के बाजार में अंडों की आपूर्ति व मांग 60 फीसद तक घट गई है। इसकी वजह लॉकडाउन में बंद शहर के करीब करीब 300 छोटे-बड़े होटल-रेस्टोरेंट और लगभग एक हजार ठेलों का बंद होना है। करीब एक दर्जन स्कूल-कालेज की कैंटीन में भी अंडों की अच्छी खपत होती थी। इससे अंडों के बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा है, लेकिन इन सबके बीच कोरोना से जंग में इम्युनिटी ठीक रखने को अंडों की घरेलू मांग बढ़ी है, जिससे 40 फीसद बिक्री अब भी जारी है। 

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दरअसल, चिकित्सक कोरोना से बचने, खासकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अंडा खाने की सलाह दे रहे हैं। इससे अधिकांश घरों में अंडों की खपत बढ़ गई है, जिससे बाजार में जान बची है। एमजीएम अस्पताल के मेडिसीन विभाग के प्रमुख रहे चिकित्सक डॉ. निर्मल कुमार बताते हैं कि अंडे में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। यह इम्युनिटी तो बढ़ाता ही है, हार्मोन को भी संतुलित रखता है। इसी वजह से कोरोना-काल में रोज कम से कम दो अंडा खाने की सलाह दी जा रही है।

घरेलू उपयोग बढ़ने से कुछ राहत

उधर, अंडा कारोबारी कहते हैं कि घरेलू उपयोग बढऩे से ही 40 फीसद पर बाजार चल रहा है, वरना यह और नीचे चला जाता। अब भी कई लोग मांसाहारी भोजन से परहेज कर रहे हैं। बहरहाल मांग घटी है, तो आपूर्ति भी कम हुई है। कोरोना की आहट के साथ ही चिकन व अंडे की मांग में अचानक गिरावट आ गई थी। इससे कई पोल्ट्री फार्म बंदी के कगार पर आ गए। मांग व आपूर्ति दोनों घटने से ही कीमत में संतुलन बना हुआ है। यहां ज्यादातर अंडे आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल व रायपुर (छत्तीसगढ़) से आते हैं। 

पोल्ट्री से ढाई रुपये में निकलता अंडा

अंडों के थोक कारोबारी संतोष साव ने बताया कि पोल्ट्री फार्म से वे लोग औसतन ढाई रुपये के रेट में अंडा उठाते हैं, लेकिन पैकिंग, माल ढुलाई, भाड़ा आदि जोड़कर इसकी लागत हमारे लिए सवा तीन रुपये हो जाती है। उनके यहां से बड़े दुकानदार चार रुपये (प्रति अंडा) में माल ले जाते हैं, जबकि छोटे दुकानदारों को साढ़े चार रुपये के रेट से अंडा देते हैं। कच्चा माल होने की वजह से खुदरा दुकानदार लगभग डेढ़ रुपये का मार्जिन रखकर बेचते हैं। इन दिनों जमशेदपुर में खुदरा व्यापारी छह रुपये प्रति अंडे के रेट में अंडा बेच रहे हैं। पहले भी इसी रेट से अंडे बिक रहे थे।

होटल-रेस्‍टोरेंट खुलने पर बढ़ेंगे दाम

लॉकडाउन के पहले यहां 2000 पेटी अंडा आता था, वह घटकर 800 पेटी तक पहुंच गया है। अंडे का भाव परिवहन के हिसाब से बदलता रहता है। थोक कारोबारी मनोज अंडावाला ने बताया कि फिलहाल 780 रुपये पेटी का भाव चल रहा है, जिसमें 210 अंडा होता है। इस हिसाब से थोक भाव 3.70 रुपये पड़ता है। थोक कारोबारी बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद यदि होटल-रेस्टोरेंट, ठेले आदि खुल गए तो दाम बढऩे की पूरी संभावना है। तब आपूर्ति सामान्य होने में परेशानी होगी, क्योंकि जो पोल्ट्री बंद हो गए हैं, वे एकाएक उत्पादन कैसे बढ़ाएंगे।

रायपुर के अंडे का दबदबा

साकची के थोक कारोबारी गौतम ने बताया कि जमशेदपुर सहित आसपास के बाजार में एक समय तक आंध्रप्रदेश के अंडे ज्यादा आते थे, लेकिन करीब दो साल से रायपुर (छत्तीसगढ़) के अंडों की मांग ज्यादा है। यह अंडा करीब दस दिन तक खराब नहीं होता, जबकि आंध्रप्रदेश का छह से सात और पश्चिम बंगाल का अंडा 3-4 दिन के बाद खराब होने लगता है। चूंकि अभी बिक्री कम हो रही है, इसलिए दुकानदार रायपुर के अंडे को प्राथमिकता दे रहे हैं।  


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