Mob Lynching : दो आरोपित को जुवेनाइल बताने पर मृतक के परिजनों ने मांगे प्रमाण पत्र Jamshedpur News
Mob Lynching. झारखंड के चर्चित नागाडीह हत्याकांड में दो आरोपितों को जुबेनाइल बताने पर मृतक के परिजनों ने आपत्ति जताते हुए जन्म प्रमाण पत्र देने की मांग की है।
जमशेदपुर, जासं। Nagadih Mob Lynching Case जमशेदपुर शहर के चर्चित नागाडीह हत्याकांड में दो आरोपित को जुवेनाइल बताने पर हत्याकांड में मारे गए मृतक के परिजनों ने सवाल उठाए हैं। मंगलवार को घटना के सूचक उत्तम वर्मा और परिजनों ने जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला और वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने मामले से अवगत कराया।
बताया कि जिन दो आरोपित को जुबैनाइल कहा जा रहा है। इनके उम्र का प्रमाण पत्र केस रिकार्ड में संलग्न नही है जबकि जुवेनाइल घोषित करने की शर्त मैट्रिक और जन्म प्रमाण पत्र होती है। इनके प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाय। दोनों आरोपितों ने बयान में मैट्रिक पास बताया था। बता दे कि हत्या मामले में गवाही की प्रक्रिया अपर जिला व सत्र न्यायाधीश एक राधाकृष्ण की अदालत में न्यायालय में चल रही है। 13 जनवरी को हत्या मामले में मृतकों के पिता की गवाही होनी है।
18 जनवरी 1917 को बच्चा चोर बताकर की गई थी हत्या
गौरतलब है कि18 मई 2017 जमशेदपुर जैसे शहर के लिए एक काले दिन के सामान था। इस दिन बागबेड़ा के नागाडीह में हरवे-हथियार से लैंस ग्रामीणों की भीड़ ने बच्चा चोर बोलकर जुगसलाई नया बाजार के विकास वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा और बागबेड़ा गाढ़ाबासा निवासी गंगेश की पुलिस की उपस्थिति में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं भीड़ की शिकार हुई 76 वर्षीय रामसखी देवी ने भी 20 जून को दम तोड़ दिया था। रामसखी देवी 18 मई को भीड़ द्वारा मारे गए बच्चों की दादी थी। घटना के दो वर्ष पूरे हो चुके है। परिवार के लोग घटना की चर्चा भर करने से सीहर उठते है विशेष कर घटना के प्रत्यक्षदर्शी उत्तम वर्मा जिनकी जान ईश्वर की कृपा से बच गई। पिता मणिचंद्र वर्मा जिनके दो जवान बेटे, बेटे के दोस्त गंगेश और मां महज अफवाह फैलाकर मार दिए गए। परिवार सदमे से उभर नही पाया है।
इन सभी के खिलाफ दर्ज कराई गई थी नामजद प्राथमिकी
हत्या मामले में उत्तम वर्मा की शिकायत पर बागबेड़ा थाने में नागाडीह जगत मार्डी, मुखिया राजाराम हांसदा, विभीषण सरदार, बाबू सरदार, गणेश मंडल, सुनिल सरदार, सुभाष हांसदा, डॉक्टर मार्डी, गोपाल हांसदा, गुलाम सरदार, लेदरा मुर्मू, राजेश टुडू, शिबू, राहुल समेत 200 से 300 ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। राजाराम हांसदा और डॉ टुडू को छोड़ सभी की जमानत हो चुकी है।