सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे की रिहाई में पेंच, नहीं पहुंचा जमानत का आदेश Jamshedpur News
शुक्रवार शाम तक उच्च न्यायालय से जमानत आदेश की कॉपी जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय नहीं पहुंची। वहीं मुखे के खिलाफ एक फाइनेंस कंपनी का मामला लंबित होने पर कंपनी के अधिवक्ताओं की ओर से न्यायालय में प्रोडक्शन दाखिल किए जाने की तैयारी है।
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को बुधवार को झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी के न्यायालय से हत्या के प्रयास की साजिश रचने के आरोप में जमानत मिल गई थी। शुक्रवार शाम तक उच्च न्यायालय से जमानत आदेश की कॉपी जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय नहीं पहुंची।
वहीं मुखे के खिलाफ एक फाइनेंस कंपनी का मामला लंबित होने पर कंपनी के अधिवक्ताओं की ओर से न्यायालय में प्रोडक्शन दाखिल किए जाने की तैयारी है। अगर प्रोडक्शन दाखिल हो जाते है तो मुखे की रिहाई में विलंब हो सकता है।
13 माह से घाघीडीह जेल में बंद है मुखे
हत्या के प्रयास की साजिश रचने के आरोप में गुरमुख सिंह मुखे 13 माह से जमशेदपुर घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद है। उस पर झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह बिल्ला और उसकी पत्नी की हत्या के प्रयास की साजिश रचने का आरोप है। गुरमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे समेत अन्य के खिलाफ सीतारामडेरा थाना में नौ नवंबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घटना के दिन गुरुचरण सिह बिल्ला और उसकी पत्नी हर दिन की तरह सीतारामडेरा गुरुद्वारा में मत्था टेकने को निकले थे। बाइक सवार अपराधियों ने घेर लिया था। गुरुचरण सिंह पर ताबडतोड़ फायरिंग की गई थी। दो गोली बिल्ला को कमर में लगी थी। इसके बाद अपराधी भाग निकले थे। घायल को टाटा मुख्य अस्पताल में दाखिल कराया गया था।
बिल्ला की पत्नी की शिकायत पर दर्ज हु्ई थी प्राथमिकी
गुरुचरण सिंह बिल्ला की पत्नी गुरप्रीत सिंह की शिकायत पर गुरुमुख सिंह मुखे, अमरजीत सिंह अंबे और अन्य के खिलाफ सीतारामडेरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने गुरमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से दोनों जेल में है। वहीं पुलिस ने फायरिंग की घटना में शामिल तीन शूटरों को गिरफ्तार किया था।