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बोरिग ने चूस ली धरती की कोख, अब पानी का त्राहिमाम

बागबेड़ा कॉलोनी रोड नंबर एक के रहने वाले संजय झा ने अपने मकान में तीन डीप बोरिग कराई लेकिन पानी नहीं निकला। पानी की तलाश में डीप बोर कराने के बाद मायूस रहने वाले संजय झा अकेले नहीं हैं। बागबेड़ा समेत जमशेदपुर के कई इलाकों में सैकड़ों लोगों ने डीप बोर कराया लेकिन इनमें से पानी 30-40 लोगों के ही हाथ लगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 08:00 AM (IST)
बोरिग ने चूस ली धरती की कोख, अब पानी का त्राहिमाम
बोरिग ने चूस ली धरती की कोख, अब पानी का त्राहिमाम

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बागबेड़ा कॉलोनी रोड नंबर एक के रहने वाले संजय झा ने अपने मकान में तीन डीप बोरिग कराई लेकिन, पानी नहीं निकला। पानी की तलाश में डीप बोर कराने के बाद मायूस रहने वाले संजय झा अकेले नहीं हैं। बागबेड़ा समेत जमशेदपुर के कई इलाकों में सैकड़ों लोगों ने डीप बोर कराया लेकिन, इनमें से पानी 30-40 लोगों के ही हाथ लगा। हालात ये हैं कि अगर डीप बोर कराने पर पानी निकल आए तो लोग खुद को खुशकिस्मत समझने लगे हैं। ऐसा इसलिए है कि शहर और उसके आसपास के इलाके में भूगर्भ जल स्तर 465 फीट यानि 141 मीटर से भी नीचे पहुंच गया है।

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यही हाल मानगो का भी है। मानगो में 15 दिन पहले ओल्ड पुरुलिया रोड के आरिफ ने दो डीप बोर कराए लेकिन, पानी नहीं निकला। यही नहीं, मानगो के डिमना रोड स्थित रमेश कुमार के मकान का डीप बोर सूख गया है। घरौंदा अपार्टमेंट की डीप बोरिग 15 दिन पहले जवाब दे चुकी थी। इसकी मरम्मत के बाद ये कुछ कुछ पानी उगल रही है। छोटा गोविंदपुर में रांची रोड पर दो और तीन तल्ला चौक पर एक सरकारी बोरिग सूख गई है। बागबेड़ा में टाटा स्टील ने भी दो जगह गांधी नगर में श्री कृष्ण पब्लिक स्कूल के पीछे और सोमाय झोपड़ी में जोगी मैदान में 450 फीट तक डीप बोरिग कराई लेकिन पानी नहीं निकला। बागबेड़ा में कई मकानों की डीप बोरिग सूखने लगी है। इसके साथ ही इस इलाके में जल संकट शुरू हो गया है। ऐसा इसलिए है कि डीप बोरिग के जरिए अतिदोहन की वजह से धरती की कोख सूनी हो गई है। शहर में 1960 के आसपास 10 मीटर पर पानी निकल आता था। लेकिन, जब से डीप बोरिग होने लगी धरती का पानी नीचे सरकने लगा। मानगो का भी यही हाल है। मानगो वेलफेयर मिशन के डा. अफरोज शकील बताते हैं कि लोगों ने कंपटीशन में डीप बोर कराए। किसी ने 20 फीट का बोर कराया तो सामने वाले ने 40 बोर का कराया। डीप बोर की संख्या बढ़ती गई और जल दोहन की वजह से भूगर्भ का पानी नीचे सरकता चला गया। अब हालात ये है कि अगर गर्मी में मई के अंत तक बरसात नहीं हो तो डीप बोर फेल होने लगते हैं।

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हवा उगल रहे शहर के हैंडपंप

भूगर्भ जल स्तर सरक जाने की वजह से शहर के हैंडपंप जवाब दे चुके हैं। जमशेदपुर में तकरीबन आठ हजार हैंडपंप लगे हैं। इनमें से 90 फीसद हैंडपंप खराब पड़े हैं। बागबेड़ा में 300 हैंडपंप खराब हैं। खासमहल में जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में लगा हैंडपंप कई दिनों से खराब है। जुगसलाई नगर पालिक, मानगो नगर निगम और जमशेदपुर अक्षेस में हर साल हैंडपंप की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये हड़प लिए जाते हैं। लेकिन नहीं उगल पाते। लोगों ने भी हैंडपंपों से आस छोड़ दी है।

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भूजल रिचार्ज के नहीं कराए गए इंतजाम

शहर में भूजल रिचार्ज के इंतजाम नहीं कराए जा रहे हैं। इस वजह से भूगर्भ जल साल दर साल नीचे सरक रहा है। जमशेदपुर में 70 फीसद, जुगसलाई में 85 फीसद और मानगो में 75 फीसद इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अब तक नहीं लगाया गया है। शहर में 2007 से अब तक 8300 इमारतें बनी हैं लेकिन, इनमें से कुछ में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम है।

कोट : हर साल नीचे जा रहा भूगर्भ जल स्तर चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए बरसात का पानी भूगर्भ में रिचार्ज करने के इंतजाम करने होंगे।

सदानंद मंडल, अधीक्षण अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग

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रीडर कनेक्ट

बागबेड़ा में भूगर्भ जल स्तर काफी नीचे चला गया है। यहां बोरिग कराने पर जल्दी पानी नहीं मिलता। बड़ी दिक्कत है।

संजय झा, बागबेड़ा

कब कितना था भूजल स्तर

1960- 10 मीटर

1965- 15 मीटर

1970- 20 मीटर

1975- 25 मीटर

1980- 50 मीटर

1985- 55 मीटर

1990- 60 मीटर

1995- 65 मीटर

2000-80 मीटर

2005-100 मीटर

2010-110 मीटर

2015- 120 मीटर

2016- 132 मीटर

2017- 135 मीटर

2018- 142 मीटर

2019- 145 मीटर


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