नशे की लत में तलाशते हैं खुशी, लेकिन हकीकत तो कुछ और है, जानिए
कई युवा नशे की लत में अपनी खुशी तलाशते हैं लेकिन सच्चाई है कि इस अंत मौत है। विश्वास नहीं हो तो पूरी खबर पढ़ लें।
जमशेदपुर, जासं। देश की जेलों में 55 प्रतिशत से ज्यादा केस केवल ड्रग्स के कारण है जिन्होंने नशे की लत के लिए अपराध किया। कई युवा नशे की लत में अपनी खुशी तलाशते हैं लेकिन सच्चाई है कि इस अंत मौत है। टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) द्वारा बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन सभागार में आयोजित युवा सम्मेलन में नारकोटिक्स विभाग के जोनल डायरेक्टर सह सीआइएसएफ के सीनियर कमांडेंट हरि ओम गांधी ने ये बातें कहीं।
उन्होंने अपने संबोधन में युवाओं को सभी तरह के नशे से दूर रहने की सलाह दी। कहा कि हमें अपने लिए ऐसे दोस्त बनाने चाहिए जो किसी भी तरह का नशा नहीं करते। क्योंकि ड्रग्स या कोई भी नशा एक बार ट्राई करने के बाद व हमारे नर्वस सिस्टम पर हावी हो जाता है। उन्होंने बताया कि देश-दुनिया में ड्रग्स के पैसे से ही सभी तरह के क्राइम, नक्सलवाद व आंतकवाद का पोषण होता है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष दुनिया में 35 लाख करोड़ रुपये का व्यापार केवल ड्रग्स व नशीले चीजों की बिक्री से होती है। इसे बेचने वाले सबसे पहले युवाओं को ही टारगेट करते हैं। उन्होंने उड़ता पंजाब, संजू सहित कई फिल्मों का उदाहरण देते हुए युवाओं को इससे दूर रहने की हिदायत दी। उन्होंने बताया कि गांजे की सबसे ज्यादा खेती ओडिसा और दूसरे नंबर पर झारखंड है लेकिन इसकी कमाई का पैसा किसी भी तरह के विकास या अर्थव्यवस्था पर खर्च नहीं होता। इन्होंने देश के 46 करोड़ युवाओं से अपील की है कि ड्रग्स से दूर रहकर अपने जीवन को संवारे।
280 ड्रग्स हैं बैंड, 500 से ज्यादा सूची से गायब
गांधी ने बताया कि नारकोटिक्स एक्ट के तहत देश में 280 ड्रग्स के सेवन या रखने पर मनाही है। लेकिन 500 से ज्यादा ड्रग्स अब भी सूची से बाहर हैं। इस पर रोक जरूरी है। उन्होंने बताया कि हमारे मस्तिष्क में ही चार तरह के ऐसे हार्मोंन (इंडोरफिन, सेरोटोनिन, डूपामाइन व ऑक्सीटोसिन)हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं लेकिन युवा इसे ड्रग्स के माध्यम से आसानी से पाना चाहते हैं। इसके कारण ही दुनिया में प्रतिवर्ष ड्रग्स का कारोबार बढ़ता जा रहा है और अमेरिका जैसे विकसित देश के लिए यह महमारी साबित हो रहा है।
हरि ओम गांधी के आंकड़े
- प्रतिवर्ष 12 लाख लोगों की मौत की वजह होती है ध्रूमपान
- एक सिगरेट, बीड़ी से कम हो जाती है जीवन के सात मिनट
- ध्रमपान करने वाले की औसत आयु कम हो जाती है 12 वर्ष
- प्रतिवर्ष 3 लाख की ड्रग्स के कारण होती है मौत
- शराब पीकर गाड़ी चलाने से 10 लाख से ज्यादा लोगों की होती है मौत
हरिओम गांधी की युवाओं से अपील
- पहली बार ही ड्रग्स, सिगरेट, गांजा को न कहें।
- अच्छे दोस्त बनाएं और जो नशा करते हैं उन्हें इसे छोडऩे में मदद करें।
- लड़कियां किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा दिए गए किसी भी तरह के पेय प्रद्वार्थ न पीएं। सइमें डेट रेप लिक्विड ड्रग्स हो सकता है। इसे पिलाकर वे अपना गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
- खुद तय करें कि आप देश के साथ हैं या आंतकवाद के साथ। क्योंकि नशे के कारोबार का पैसा आंतकवाद पर ही होता है खर्च।
शिक्षा में बदलाव पर बताई कहानियां
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा जगत में हो रहे बदलाव पर कई व्यक्तित्व ने अपने विचार रखे। इस दौरान पिनाकी साहू, सेषमा मोहांती, अशोक गुरू, रंजन जंग, मस्ती की पाठशाला से सावित्री मुर्मू व मार्शल हो, मेक द वल्र्ड वंडरफूल सोसाइटी से मेघना डाबरा व श्यूमयासरी कुटरी सहित अन्य ने अपने विचार रखे।
रॉ शो से हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन रॉ शॉ से हुआ। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए बच्चों ने पाश्चत्य संगीत पर रॉ शो पेश कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
पौधरोपण से दिन की हुई शुरूआत
मंगलवार को ध्वनि का शुभारंभ पौधरोपण से हुआ। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों से आए 400 बच्चे जुबली पार्क पहुंचे और वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी सहित बच्चों ने पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी इच्छा शक्ति प्रकट की।
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