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आपसी खींचतान में ग्रेड पर गहराए संकट के बादल

यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और महामंत्री सतीश कुमार सिंह के बीच आपसी खींचतान ने कर्मचारियों के संकट को बढ़ा दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 01:53 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 02:51 PM (IST)
आपसी खींचतान में ग्रेड पर गहराए संकट के बादल
आपसी खींचतान में ग्रेड पर गहराए संकट के बादल

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन पहले ही 17 महीने की देर हो चुकी है। ऐसे में टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और महामंत्री सतीश कुमार सिंह के बीच आपसी खींचतान ने कर्मचारियों के संकट को बढ़ा दिया है। कर्मचारियों को यह चिंता सताने लगी है कि 2012 की तुलना में उनका ग्रेड बेहतर होगा या नहीं।

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टाटा स्टील में कंपनी प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व के बीच ग्रेड रिवीजन की वार्ता जारी है। लेकिन शुक्रवार को कमेटी मीटिंग के दौरान जिस तरह से अध्यक्ष व महामंत्री के बीच आपसी विवाद जो खुलकर सामने आया। उससे यह साफ हो चुका है कि यूनियन के शीर्ष दो नेताओं के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों के साथ-साथ कमेटी मेंबरों की भी परेशानी बढ़ गई है। इस पूरे मामले में महामंत्री ने खुलकर अपना पक्ष रखा, लेकिन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। 

अध्यक्ष अपनी मर्जी से चलाना चाहते हैं यूनियन

कमेटी मीटिंग में भी महामंत्री सतीश सिंह कह चुके हैं कि अध्यक्ष यूनियन को संविधान की बजाए अपनी मर्जी से चलाना चाहते हैं। कहा कि एक वर्ष तक मैंने मेडिकल एक्सटेंशन का मुद्दा हो या बोनस का, हर जगह अध्यक्ष का साथ दिया। अध्यक्ष को यह बताना चाहिए था कि मैं ऐसा कौन सा असंवैधानिक काम कर रहा था, जिसके कारण मेरे खिलाफ षडय़ंत्र रच कर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिन कमेटी मेंबरों ने मेरे खिलाफ हस्ताक्षर किए, अध्यक्ष उन्हें भी धोखा दे रहे हैं। आज तक नहीं बताया कि उनके हस्ताक्षर का इस्तेमाल अध्यक्ष किस तरह कर रहे हैं। अगर यूनियन में ग्रेड रिवीजन खराब हुआ तो अध्यक्ष इसका भी ठीकरा मेरे ऊपर ही फोड़ेंगे। लेकिन मेरे और अध्यक्ष के बीच जो भी मतभेद हो, मैं मजदूर हित में उनके साथ हूं। 

डैमेज कंट्रोल की भूमिका में प्रबंधन

अध्यक्ष-महामंत्री के बीच उभरे विवाद को दूर करने के लिए कंपनी प्रबंधन भी प्रयासरत है। चर्चा है कि दोनो यूनियन नेतृत्व के बीच के विवाद को दूर करने के लिए प्रबंधन की ओर से एचआर विभाग के एक अधिकारी को लगाया गया है। वहीं, दोनो नेताओं के साथ संबधित अधिकारी की सोमवार को बैठक हो सकती है। इसमें आपसी विवाद सुलझाने की पहल होगी। इससे पहले भी जनवरी माह में जब आपसी विवाद के कारण यूनियन का एकाउंट फ्रीज हुआ था तब प्रबंधन ने ही दोनो के बीच मध्यस्थता कराई थी। 

ऑफिस बियरर की बैठक नहीं होना भी एक कारण

यूनियन नेताओं की माने तो अध्यक्ष और महामंत्री के बीच विवाद का एक वजह ऑफिस बियरर की नियमित बैठक नहीं होना है। पूर्व अध्यक्ष पीएन सिंह ने इस परंपरा को शुरू किया था। लेकिन पिछले एक वर्ष से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद इससे भाग रहे हैं। कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि अध्यक्ष अपने मुद्दें, कार्यक्रम पर सहमति बनाने के लिए ही बैठक बुलाते हैं लेकिन ऑफिस बियरर की बातों को सुनने, समझने या उनके विभागों की जानकारी लेने के लिए होने वाली बैठक बंद हो चुकी है। कुछ ऑफिस बियरर अपने कमरे के बजाए अधिकतर अध्यक्ष के कमरे में बैठे रहते हैं इसलिए भी अध्यक्ष ऑफिस बियरर की बैठक बुलाने की जरूरत नहीं समझते। नहीं तो बंद कमरे का विवाद सार्वजनिक नहीं होता। 

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