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सावन में बारिश नहीं होने से टूटने लगी किसानों की आस Jamshedpur News

सावन माह का पहला पखवारा बीत गया लेकिन ठीक से अभी तक बारिश नहीं हुई। पर्याप्त बारिश नहीं होने से जिले के पूर्वाचल का क्षेत्र को छोड़कर कहीं भी खेती ढंग से शुरू भी नहीं हो सकी है।

By Edited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 07:54 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 11:27 AM (IST)
सावन में बारिश नहीं होने से टूटने लगी किसानों की आस Jamshedpur News
सावन में बारिश नहीं होने से टूटने लगी किसानों की आस Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  सावन माह का पहला पखवारा बीत गया, लेकिन ठीक से अभी तक बारिश नहीं हुई। क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से बादल आकर चले जा रहे हैं, लेकिन वर्षा नहीं हो रही है। इससे किसानों को खेती की चिंता सताने लगी है।

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धीरे-धीरे सावन का महीना बीत रहा, लेकिन फिर भी वर्षा की बूंद बराबर धरती पर नहीं गिरी है। लोग आसमान की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं, बारिश का इंतजार कर रहे, फिर भी मेघ बरस नहीं रहे है। पिछले पांच दिनों से मानसूनी बारिश ललचाने लगे और फुहारें मारकर ठहर गए।

मानसून की बेरूखी से किसान चिंतित

पूर्वी सिंहभूम जिला में पहली जून से अबतक सामान्य बारिश 598.9 मिमी होनी चाहिए, जबकि इस वर्ष अबतक 438.8 मिमी बारिश ही हुई है। अबतक जिला में सामान्य से 27 प्रतिशत कम बारिश हुई है। हर साल जून माह में बारिश की दस्तक के साथ ही तीन-चार माह तक बारिश होती है, लेकिन इस बार इंद्र देवता की बेरूखी के कारण तालाब, नदिया सूखी पड़ी है, जबकि हर साल जुलाई में तेज बारिश होने पर यहीं तालाब व नदिया उफान पर रहती थी। हालाकि जिला के कुछ भागों में हुई हल्की बारिश ने फसलों को जीवित रखा हुआ है।

पानी के अभाव में सुख रहे हैं खेत

पर्याप्त बारिश नहीं होने से जिले के पूर्वाचल का क्षेत्र को छोड़कर कहीं भी खेती का काम ढंग से शुरू भी नहीं हो सका है। बहरागोड़ा व चाकुलिया क्षेत्र के किसान कुछ हद तक खेती के काम किए हैं। बाकि प्रखंडों के किसान रोपाई के लिए तेज बारिश का इंतजार कर रहे है। बारिश के इंतजार में खेत सुखते नजर आ रहे है। गाव के लोग अच्छी बारिश नहीं होने से काफी चिंतित है। 

अबतक 27 फीसद ही धान की खेती

जिले में खेती की स्थिति पर्याप्त बारिश के अभाव में जिला में अबतक धान की खेती 27 प्रतिशत ही हो सकी है। जिला के कुल एक लाख दस हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की जाती है। इस वर्ष अबतक मात्र 29700 हेक्टेयर भूमि पर ही धान की खेती हो सकी है, जिसमें धान की रोपी मात्र 11372 हेक्टेयर पर की गई है, बाकि 18328 हेक्टेयर जमीन पर छिटा विधि से धान लगाया गया है। इसके साथ ही जिला में मक्का की खेती 72, दलहन 62.8, तेलहन 30 और मोटे अनाज पांच प्रतिशत ही की जा सकी है। बारिश के अभाव में जिले में खेती की स्थित काफी दयनीय बनी हुई है।

बारिश नहीं होने से बढ़ रहा तापमान

क्षेत्र में बारिश नहीं होने से तापमान बढ़ रहा है। रविवार को लौहनगरी के अधिकतम तापमान 1.7 डिग्री बढ़कर 33.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री बढ़कर 26.6 डिग्री सेल्सियस पहुंचा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार क्षेत्र में दस अगस्त तक रोज बारिश होने की संभावना है।

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