टीवी से दूरी बना श्रुति ने साधा टॉप पर निशाना
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सोशल साइट से कंट्टी और टीवी से दूरी को मूल मंत्र बनाया। यहां तक कि
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सोशल साइट से कंट्टी और टीवी से दूरी को मूल मंत्र बनाया। यहां तक कि रात के एक बजे तक रोज पढ़ाई करना डेली रूटीन बना लिया। और तो और लक्ष्य रखा कि मार्क्स 95 से ऊपर ही लाने हैं। हुआ भी।
जी हां, लिटिल फ्लावर स्कूल (एलएफएस) टेल्को की छात्रा श्रुति सोनल ने अपने दिनचर्या को बेहद अनुशासित रखा और नतीजा आइसीएसई 10वीं के परीक्षा परिणाम में सामने है। श्रुति सोनल को परीक्षा में 98.4 फीसद अंक मिले। यह अंक श्रुति को झारखंड के स्टेट टॉपरों की श्रेणी में ले आया। बारीडीह विजया गार्डेन के फेज-2 में रहने वाली श्रुति के पिता राजेश कुमार टाटा कमिंस में कार्यरत हैं। राजेश कुमार अपनी बेटी के परिणाम से खासे खुश हैं। कहते हैं-'श्रुति काफी मेहनती है। परीक्षा में उसे मिले नंबर इसकी गवाही दे रहे। वह जो कॅरियर चुनेगी, उसमें सफल होगी।'
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नहीं ली ट्यूशन, मां बनीं मददगार
श्रुति ने बिना ट्यूशन के ही स्टेट टॉपर की सूची के टॉप में अपनी जगह बना ली। श्रुति बतातीं हैं कि उनकी मां रिंकी रानी ने उनकी पढ़ाई में एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। कब पढ़ना है, क्या पढ़ना है, कैसे पढ़ाई करनी है, यह सब मां बताती ती। पढ़ाई में कुछ समझ में नहीं आने पर मां ही मदद करती थी।
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स्कूल व वॉकिंग के अलावा हर वक्त करती पढ़ाई
श्रुति सोनल पढ़ाई करते-करते रात एक बजे तक जागी रहती तो सुबह छह बजे उठ भी जाती। पढ़ाई करती। तैयार हो स्कूल जाती। स्कूल से लौट कर फिर पढ़ाई करतीं। शाम को वॉकिंग के लिए समय देती बस। इसके अलावा पढ़ाई पर ध्यान देती। शाम से पढ़ने बैठती तो रात एक बजे ही सोने जाती। श्रुति की मां रिंकी बताती हैं कि बेटी को परीक्षा में मिले अंक इसी मेहनत का नतीजा है।
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पढ़ाई से ब्रेक लेने को पढ़तीं नॉवेल, बनना चाहती डॉक्टर
श्रुति सोनल पढ़ाई से ब्रेक लेने के लिए नोवेल पढ़ती है। यह उनकी हॉबी भी है। कहती है कि कहानियां पढ़ने का शौक है। इसके लिए नॉवेल (उपंयास) पढ़ती है। इसके अलावा खाने में श्रुति को चिकेन खाना पसंद है। मम्मी के हाथों का बना चिकेन हो तो और मजेदार। श्रुति अब डॉक्टर बनना चाहती है।