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दिलीप के ट्रवीट पर थैलेसीमिया पीड़ित बच्चियों को मिला वाहन

दिलीप पाल ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर गोहला पाल टोला के थैलेसीमिया से पीड़ित दो बच्चियों को खून दिलाने की गुहार लगाई थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 12:57 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 06:17 AM (IST)
दिलीप के ट्रवीट पर थैलेसीमिया पीड़ित बच्चियों को मिला वाहन
दिलीप के ट्रवीट पर थैलेसीमिया पीड़ित बच्चियों को मिला वाहन

संवाद सूत्र, मुसाबनी : दिलीप पाल ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर गोहला पाल टोला के थैलेसीमिया से पीड़ित दो बच्चियों को खून दिलाने की गुहार लगाई थी। उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए बीडीओ को अविलंब वाहन की व्यवस्था कराते हुए एमजीएम भेजने का निर्देश दिया। गुरुवार शाम को गोहला के पंचायत सचिव रामदास सोरेन ने थैलेसीमिया से पीड़ित दोनों बच्चियों बृष्टि पाल पिता मिहिर शेखर पाल और बेबी पाल पिता किशोर पाल को वाहन की व्यवस्था कर एमजीएम भेजा। दोनों बच्चियां एमजीएम में खून चढ़ाने के बाद शुक्रवार को वापस गोहला पाल टोला वापस आ गई। थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चियों को प्रत्येक तीन महीने में खून चढ़ाना अनिवार्य होता है। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉक डाउन है। ऐसे में दोनों बच्चियों को जमशेदपुर एमजीएम ले जाने में परिवार को दिक्कत आ रही थी।

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भोले-भाले ग्रामीणों को भटका रहे राशन डीलर

शासन-प्रशासन की तमाम प्रयासों के बावजूद लॉकडाउन में जागरूकता के अभाव में बिना राशन कार्ड वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि डीलरों को स्पष्ट किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं और वे जरूरतमंद हैं तो उन्हें राशन मुहैया कराना है। इसके बावजूद जागरूकता के अभाव में ऐसे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। शुक्रवार को कई महिलाओं ने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर कुछ ऐसी ही व्यथा सुनायी। हालांकि यहां उनकी समस्या का समाधान तो नहीं हुआ लेकिन कर्मचारियों ने बताया कि डीलर को ही जिनके पास राशन कार्ड नहीं है वैसे लोगों को भी राशन मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए गांव के ही दो लोगों से प्रमाणित कराना होगा कि उन्हें राशन की जरूरत है। साथ ही प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी का फोन नंबर देकर उनसे बात करने का परामर्श दिया गया है। प्रभावित महिलाओं में बालियागोड़ा की रामवती महाकुड़ व नेहा टुडू, धोबनी डूंगरीडीह की मंगुली कर्मकार, सुमित्रा जेना के अलावा गिरीशडांगा की तीन महिलाएं शामिल थीं। डूंगरीडीह की महिलाओं ने बताया कि वे लोग डीलर छोटराय के पास चावल लेने गई थीं लेकिन डीलर ने उन्हें ब्लॉक से लिखा कर लाने पर ही चावल देने की बात कही।


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